/young-bharat-news/media/media_files/2025/05/22/luB9XnOrWrKOdJf5sIRW.jpg)
यूपी में घटिया एसीसी केबल दे रहे दगा, उपभोक्ता परेशान Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर जहां लगातार तापमान बढ़ने से लोग बेहाल हैं। वहीं, बिजली कटौती ने उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया है। प्रदेश के तमाम जनपदों में बिजली आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है। इसका मुख्य कारण रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत बदले जा रहे एबीसी केबल हैं। जोकि घटिया गुणवत्ता के होने के कारण हर रोज दगा दे रहे हैं। इससे घंटों तक आपूर्ति ठप हो रही है।
जांच के बिना केबल खरीदे केबल
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रदेश में बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए आरडीएसएस के तहत करोड़ों रुपये खर्च कर एबीसी केबल खरीदे गए, लेकिन इनकी गुणवत्ता बेहद घटिया निकली। उन्होंने आरोप लगाया कि केबलों की जांच तक नहीं की गई। इससे गर्मी शुरू होते ही कई जनपदों में केबिल फुंकने से ब्रेक डाउन की समस्या आने लगी। उन्होंने मांग की कि पावर कारपोरेशन युद्ध स्तर पर ब्रेक डाउन को अटेंड करना शुरू करे। ताकि उपभोक्ताओं को राहत मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि परिषद की मांग पर यूपीपीसीएल ने कृषि फीडरों पर 10 घंटे बिजली आपूर्ति शुरू कर दी है। इससे किसानों को कुछ राहत मिली है।
33 हजार मेगावाट तक जा सकती है मांग
उपभोक्ता परिषद के मुताबिक, गर्मी बढ़ने के साथ ही राज्य में बिजली की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। इस बार गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग 29,873 मेगावाट तक पहुंच चुकी है। पिछले साल गर्मी के दौरान अधिकतम मांग 30,600 मेगावाट थी। जिस तरह से पारा लगातार चढ़ रहा है, उससे अबकी इस बार बिजली की मांग 33 हजार मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में बिजली आपूर्ति बाधित होने से उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है।