Advertisment

UP Electricity Crisis : घटिया एबीसी केबल खरीदने का खामियाजा भुगत रहे उपाभोक्ता, बिजली की मांग का बनेगा नया रिकार्ड

UP Electricity Crisis : राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रदेश में बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए आरडीएसएस के तहत करोड़ों रुपये खर्च कर एबीसी केबल खरीदे गए, लेकिन इनकी गुणवत्ता बेहद घटिया निकली।

author-image
Deepak Yadav
up electricity crisis

यूपी में घटिया एसीसी के​बल दे रहे दगा, उपभोक्ता परेशान Photograph: (YBN)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर जहां लगातार तापमान बढ़ने से लोग बेहाल हैं। वहीं, बिजली कटौती ने उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया है। प्रदेश के तमाम जनपदों में बिजली आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है। इसका मुख्य कारण रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत बदले जा रहे एबीसी केबल हैं। जोकि घटिया गुणवत्ता के होने के कारण हर रोज दगा दे रहे हैं। इससे घंटों तक आपूर्ति ठप हो रही है।

Advertisment

यह भी पढ़ें- बिजली दरों में 30% प्रस्तावित बढ़ोतरी में नया ट्विस्ट, उपभोक्ता परिषद ने 45 फीसद दाम घटाने का जनता प्रस्ताव आयोग में किया दाखिल

जांच के बिना केबल खरीदे केबल  

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रदेश में बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए आरडीएसएस के तहत करोड़ों रुपये खर्च कर एबीसी केबल खरीदे गए, लेकिन इनकी गुणवत्ता बेहद घटिया निकली। उन्होंने आरोप लगाया कि केबलों की जांच तक नहीं की गई। इससे गर्मी शुरू होते ही कई जनपदों में केबिल फुंकने से ब्रेक डाउन की समस्या आने लगी। उन्होंने मांग की कि पावर कारपोरेशन युद्ध स्तर पर ब्रेक डाउन को अटेंड करना शुरू करे। ताकि उपभोक्ताओं को राहत मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि परिषद की मांग पर यूपीपीसीएल ने कृषि फीडरों पर 10 घंटे बिजली आपूर्ति शुरू कर दी है। इससे किसानों को कुछ राहत मिली है।

Advertisment

यह भी पढ़ें- UP में महंगी होगी बिजली : 30% बढ़ोतरी का प्रस्ताव नियामक आयोग में दाखिल, उपभोक्ता परिषद ने जताई कड़ी आपत्ति

33 हजार मेगावाट तक जा सकती है मांग

उपभोक्ता परिषद के मुताबिक, गर्मी बढ़ने के साथ ही राज्य में बिजली की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। इस बार गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग 29,873 मेगावाट तक पहुंच चुकी है। पिछले साल गर्मी के दौरान अधिकतम मांग 30,600 मेगावाट थी। जिस तरह से पारा लगातार चढ़ रहा है, उससे अबकी इस बार बिजली की मांग 33 हजार मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में बिजली आपूर्ति बाधित होने से उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

Advertisment
Advertisment