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UP News : गांवों में नहीं मिल रही 24 घंटे बिजली, ‘लो डिमांड’ बताकर 1486 मेगावाट इकाइयां बंद

यूपी पावर कारपोरेशन जहां अभी तक गांवों में 24 घंटे बिजली देने में नाकाम रहा है। वहीं प्रदेश में चार बिजली उत्पादन इकाइयां लो डिमांड (बिजली की जरुरत नहीं) का हवाला देकर बंद कर दी गई हैं।

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Deepak Yadav
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electricity privatisation Photograph: (google)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी पावर कारपोरेशन जहां अभी तक गांवों में 24 घंटे बिजली देने में नाकाम रहा है। वहीं प्रदेश में चार बिजली उत्पादन इकाइयां लो डिमांड (बिजली की जरुरत नहीं) का हवाला देकर बंद कर दी गई हैं। पूर्वांचल और दक्षिाणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण का भी 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के नाम पर किया जा रहा है। खुद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा विधानसभा में यह कह चुके हैं। ऐसे में निजीकरण के बाद चौबीस घंटे बिजली देना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम हो रहा रहा उल्लंघन

इस अधिनियम की धारा 10 के तहत प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं (शहरी-ग्रामीण) को 24 घंटे बिजली देना अनिवार्य है। पावर कारपोरेशन अभी तक ऐसा नहीं कर सका है। जोकि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2020 का खुला उल्लंघन है। गर्मियों में सिर्फ  कुछ महीने ही पर्याप्त बिजली मिल सकी है। बाकी अभी भी रोस्टर से 18 और 21 घंटे बिजली दी जा रही है।

इकाइयां चालू करने से मिलेगी 24 घंटे बिजली

विद्युत उपभोक्ता परिषद के अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि यूपी में पांच सितंबर तक चार इकाइयां लो डिमांड बताकर बंद कर दी गईं। इनमें हरदुआगंज एक्सटेंशन-द्वितीय यूनिट-1(1660 मेगावाट), हरदुआगंज यूनिट-8 (250 मेगावाट), हरदुआगंज यूनिट-9 (250 मेगावाट), टांडा यूनिट-1 (110 मेगावाट) व टांडा यूनिट-2 (110 मेगावाट) हरदुआगंज यूनिट-7 (105 मेगावाट) शामिल हैं। इस तरह कुल 1486 मेगावाट उत्पादन इकाइयों को बंद रखा गया है। वर्मा ने कहा कि अगर इन इकाइयों को चालू कर दिया जाए तो प्रदेशवासियों को 24 घंटे बिजली दी जा सकती है। 

Electricity Privatisation | UPRVUP

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