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अग्निसचेतक साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न ।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश अग्निशमन एवं आपात सेवा, लखनऊ द्वारा आयोजित अग्निसचेतक साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रथम चरण मंगलवार को पूर्ण उत्साह और अनुशासन के साथ सम्पन्न हो गया। यह प्रशिक्षण 18 से 26 अगस्त तक चला, जिसमें लखनऊ जनपद के सभी ब्लॉकों से चयनित अग्निसचेतकों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम अपर पुलिस महानिदेशक (अग्निशमन एवं आपात सेवा) पद्मजा चौहान के मार्गदर्शन में प्रारम्भ किया गया था। इसका उद्देश्य समाज में अग्निसुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाना, युवाओं और स्वयंसेवकों को आपात स्थितियों में सक्रिय योगदान देने के लिए तैयार करना तथा जनसुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी का भाव सशक्त करना है।
सात दिवसीय प्रशिक्षण का मुख्य फोकस
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को फायर फाइटिंग की आधुनिक तकनीकें, आग के प्रकार, उपकरणों का संचालन व रख-रखाव, फायर ट्रायंगल की समझ, धुएं से बचाव के तरीके, रेस्क्यू विधियाँ, प्राथमिक उपचार और आवश्यक सावधानियों की जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त विभिन्न स्थानों जैसेलक्ज़री भवन, उद्योग, अस्पताल और शिक्षण संस्थानों में अग्निसुरक्षा पर प्रैक्टिकल वर्कशॉप और अभ्यास भी कराया गया। प्रतिभागियों को फायर अलार्म सिस्टम के संचालन, हाइड्रेंट लाइन, सिलेंडर ब्लास्ट से बचाव, तथा सामूहिक निकासी अभ्यास (Evacuation Drill) की विस्तृत जानकारी दी गई।
किसी भी आपात स्थिति में तत्पर रहने की शपथ दिलाई
समापन अवसर पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी लखनऊ अंकुश मित्तल ने सभी अग्निसचेतकों को कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी आपात स्थिति में तत्पर रहने की शपथ दिलाई। विभाग की ओर से प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी प्रदान किए गए, जो उनके प्रशिक्षण, सेवा भावना और जिम्मेदारी का प्रतीक हैं।अग्निसचेतक अपने-अपने क्षेत्र में आग लगने की स्थिति में सूचना देने, आग पर प्रारंभिक नियंत्रण करने, सुरक्षित रेस्क्यू ऑपरेशन में सहयोग देने और जनसामान्य को जागरूक करने की अहम भूमिका निभाएंगे। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि प्रशिक्षित अग्निसचेतक समाज के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करेंगे और जनहानि व संपत्ति की क्षति को कम करने में मदद करेंगे।
अग्निसुरक्षा केवल विभागीय जिम्मेदारी नहीं : अंकुश मित्तल
वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को अनुशासन, टीमवर्क, त्वरित प्रतिक्रिया और सेवा भावना के महत्व से अवगत कराया। अधिकारियों ने बताया कि किसी भी आपदा या अग्निकांड की स्थिति में सबसे अधिक जरूरत संयम और तत्परता की होती है। प्रशिक्षित अग्निसचेतक इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।उत्तर प्रदेश अग्निशमन एवं आपात सेवा ने इस अवसर पर कहा कि वह भविष्य में भी ऐसे सामूहिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा, ताकि प्रदेशभर में अग्निसुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ व आधुनिक बनाया जा सके। विभाग का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक युवाओं, सामाजिक संगठनों और भवनों की सुरक्षा टीमों को प्रशिक्षण देकर उन्हें समाज की सुरक्षा में शामिल किया जाए।मुख्य अग्निशमन अधिकारी अंकुश मित्तल ने बताया कि अग्निसुरक्षा केवल विभागीय जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के हर व्यक्ति का दायित्व है। यदि लोग प्रारंभिक स्तर पर सचेत हो जाएँ, तो बड़ी दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है।
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