महाकुंभ नगर, वाईबीएन नेटवर्क।
महाकुंभ से एक बड़ी खबर आ रही है। हिंदू राष्ट्र संविधान निर्माण समिति ने प्रस्तावित “अखंड हिंदू राष्ट्र” का “संविधान” तैयार किया है। महाकुंभ में प्रस्तावित संविधान का अनावरण 2 फरवरी को बसंत पंचमी के मौके पर होगा। अनावरण के बाद इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। संविधान समिति के संरक्षक आनंद स्वरूप महाराज ने इस संबंध में मीडिया को जानकारी दी है।
25 विद्वानों ने तैयार किया दस्तावेज
प्रस्तावित “अखंड हिंदू राष्ट्र” के संविधान के लिए 501 पृष्ठों वाला दस्तावेज 25 विद्वानों की समिति ने तैयार किया है। यह दस्तावेज रामायण, मनुस्मृृति,चाणक्य के अर्थशास्त्र और श्रीकृष्ण की शिक्षाओं से प्रेरित है। इस समिति में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय और नई दिल्ली के केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के सनातन धर्म के विद्वान शामिल हैं। समिति के संंरक्षक का कहना है कि संविधान के लिए यह दस्तावेज करने से पहले विद्वानों लंबा अध्ययन किया है।
2035 तक हिंदू राष्ट्र बनाने का लक्ष्य
वाराणसी में शांभवी पीठ के प्रमुख और संविधान निर्माण समिति के संरक्षक स्वामी आनंद स्वरूप ने बताया कि कि 2035 तक भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा है कि संविधान का जो मसौदा तैयार किया गया है उसके मूल में मानवीय मूल्यों को रखा गया है। संविधान के निर्माण वाली 25 सदस्यीय समिति में 14 विद्वान उत्तरी और 11 विद्वान दक्षिण भारत से शामिल किए गए हैं। हमारा संविधान किसी अन्य धर्म के खिलाफ नहीं है, लेकिन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने पर कठोर सजा की प्रावधान की बात कही गई है।
शास्त्रों के आधार बना है दस्तावेज
स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि हजारों साल के बाद भी हर मामले में तार्किंक हमारे शास्त्र इस संविधान का आधार हैं। उन्होंने कहा कि प्रमाणिकता की बात यह है कि “सात दशकों में भारतीय संविधान में 300 से अधिक संशोधन किए गए हैं, लेकिन हमारे शास्त्र पिछले कई हजार सदियों से एक जैसे हैं। दुनिया में 127 ईसाई, 57 मुस्लिम और 15 बौद्ध देश हैं। यहां तक कि यहूदियों के पास भी इजरायल है। लेकिन कोई हिंदू राष्ट्र नहीं है।” उन्होंने कहा।
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प्रत्येक नागरिक को सैन्य शिक्षा का प्रस्ताव
प्रस्तावित “अखंड हिंदू राष्ट्र” के लिए संविधान समिति के अध्यक्ष कामेश्वर उपाध्याय ने बताया कि हिंदू राष्ट्र में प्रत्येक नागरिक के लिए सैन्य शिक्षा अनिवार्य होगी। “चोरी के लिए कठोर सजा होगी। इसके साथ ही कर प्रणाली में भी बदलाव का प्रस्ताव दस्तावेज में दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कृषि पर किसी तरह का काेई कर नहीं लगाया जाएगा।
एक सदनीय विधायिका का प्रस्ताव
“संविधान” के मसौदे में एक सदनीय विधायिका, हिंदू धर्म संसद का प्रस्ताव है, जिसके सदस्यों को धार्मिक संसद कहा जाएगा। मतदान की न्यूनतम आयु 16 वर्ष निर्धारित की गई है और केवल सनातन धर्म से जुड़े लोगों को ही चुनाव लड़ने की अनुमति होगी। देश के मुखिया का चुनाव विधानमंडल के निर्वाचित सदस्यों के तीन- चौथाई समर्थन से किया जाएगा।