प्रयागराज, महाकुंभ मेले में बड़े नेताओं, बाबाओं, उद्योगपतियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में महाकुंभ के मेले में बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पहुंचे। बाबा बागेश्वर ने परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात की। बता दें धीरेंद्र शास्त्री महाकुंभ में पांच दिन तक रहेंगे। 27 से 29 जनवरी तक वह कथा सुनाएंगे, और 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान करेंगे। 30 जनवरी को वह सम्मेलन का आयोजन करेंगे, जिसमें हिंदू समाज के सुधार की दिशा पर चर्चा की जाएगी।
महाकुंभ में पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वह भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का बड़ा संदेश लेकर आए हैं। उन्होंने इस मौके पर घोषणा की कि वह हिंदू समाज को जागरूक कर, हिंदुस्तान को बचाने की मुहिम की शुरुआत करेंगे। उनका मानना है कि "हिंदू जगेगा, तभी हिंदुस्तान बचेगा।" इसके साथ ही उन्होंने हिंदू समाज में आई विभिन्न विकृतियों और कमियों पर चर्चा करने का भी संकेत दिया।
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30 जनवरी को परमार्थ निकेतन में सम्मेलन का आयोजन
धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि 30 जनवरी को परमार्थ निकेतन के शिविर में एक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें हिंदू समाज की कमियों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। महाकुंभ में पहुंचकर उन्हें एक दिव्य अनुभूति हो रही है, और वह इस सम्मेलन के माध्यम से समाज के सुधार की दिशा में काम करेंगे।
ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर असहमति
महाकुंभ में फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की पदवी दिए जाने पर धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सवाल उठाया कि किसी व्यक्ति को प्रभाव में आकर संत या महामंडलेश्वर की उपाधि कैसे दी जा सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह पदवी केवल उन्हीं को दी जानी चाहिए जिनमें संत या साध्वी का वास्तविक भाव हो। व्यंग्य करते हुए उन्होंने कहा कि वे खुद आज तक महामंडलेश्वर नहीं बने हैं।
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महाकुंभ में सनातन बोर्ड के गठन पर भी की टिप्पणी
धीरेंद्र शास्त्री ने महाकुंभ में रील वाले लोगों के चर्चा में आने को लेकर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि सभी लोग अपना काम करते हैं। इसके अलावा, सनातन बोर्ड के गठन के बारे में 27 जनवरी को होने वाली धर्म संसद पर उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही हिंदू राष्ट्र बनेगा।
ये सनातन लोकतंत्र का पर्व है-स्वामी चिदानंद सरस्वती
मीडिया से बातचीत में परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा, "ये भारत का महान पर्व है, लोकतंत्र का पर्व है और मुझे कहने में कोई संकोच नहीं है कि ये सनातन लोकतंत्र का पर्व है क्योंकि सनातन है तो भारत है और भारत है तो सनातन है। सनातन बचेगा तो संगम बचेगा। सनातन नहीं तो संगम नहीं। यह सब तभी बचेगा जब सनातन बचेगा। इस सनातन के महापर्व में सिर्फ इतना ही कहूंगा कि अपने भीतर के सनातन को बचाए रखिए और अपने भीतर के संगम को बचाए रखिए।"
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