महाकुंभ नगर, वाईबीएन नेटवर्क।
महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की झलक साफ देखी जा सकती है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आयोजित महाकुंभ स्वच्छता पर फोकस का संदेश देने में सफल रहा है। खास दिनों को छोड़ भी दें तो भी यहां करोड़ों श्रद्धालु रोजाना स्नान कर रहे हैं, ऐसे में सफाई व्यवस्था बनाए रखना बड़ा टास्क है। बता दें कि 15 दिनों के दौरान महाकुंभ में अब तक 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं और मौनी अमावस्या के अवसर पर एक ही दिन में इतने श्रद्धालुओं के स्नान करने की उम्मीद है। सफाई व्यवस्थायह सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन मुस्तैद है। घाट, स्नान क्षेत्र और मेला मैदान में स्वच्छता को लेकर चौकस व्यवस्था की गई है।
क्या कहते हैं मेला अधिकारी
अतिरिक्त मेला अधिकारी विवेक चुतर्वेदी बताते हैं कि पूरे महाकुंभ नगर में गीला और सूखा कूड़ा फेंकने के लिए अलग- अगल डस्टबिन लगाए गए हैं। मेले में आने वाले लोग डस्टबिन का उपयोग कर रहे हैं। इसके अलावा यदि कोई इधर- उधर लेकिन कूड़ा फेंक देता है तो उसके लिए हैंड पिकिंग गैंग काम कर रहे हैं, जो कहीं भी कूड़ा फेंके जाने पर तत्काल उसे उठाकर डस्टबिन तक पहुंचा देते हैं। डस्टबिन में आने वाले कचरे का बाकायदा निस्तारण किया जा रहा है। विवेक चतुर्वेदी का कहना है मेले में आने वाले लोग भी स्वच्छता में सहयोग कर रहे हैं।
यह भी पढें- Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या पर 15 करोड़ श्रद्धालु स्नान करेंगे, जानिए अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त
पर्यावरण और स्वच्छता मॉडल
महाकुंभ 2025 केवल एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन भर नहीं है, बल्कि यह आयोजन पर्यावरण को स्वच्छता को लेकर भी एक मॉडल पेश कर रहा है। महाकुंभ में स्वच्छता और साफ सफाई बनाए रखने काे सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने बताया कि महाकुंभ में सफाई व्यवस्था बनाए रखने के 15 हजार कर्मी तैनात किए गए हैं। ऐसी व्यवस्था की गई है कि कहीं भी कचरा न फैलने पाए। हैंड पिकिंग गैंग अच्छा काम कर रहे हैं, मेले में लोग कहते सुने जा रहे हैं कि कचरा फेंकने से पहले ही हैंड पिंकिंग गैंग के कर्मचारी हाथ बढा देते हैं।
एआई की भी ली जा रही मदद
प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने बताया कि सफाई व्यवस्था बनाए रखने को एआई की मदद भी ली जा रही है। मेले में लगाए गए टॉयलेट पर क्यूआर कोड अटैच किया गया है। क्यूआर कोड के जरिए यह पता लग जाता कि टॉयलेट कब साफ किया गया। प्रमुख सचिव ने बताया मेला क्षेत्र में डेढ लाख टॉललेट बनवाए गए हैं, पिछली बार यह संख्या मात्र 65 हजार थी। सफाई व्यवस्था पर अच्छा इनपुट मिल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुरक्षा और स्वच्छा पर सबसे ज्यादा फोकस किया है।
इसे भी पढ़ें- Maha Kumbh 2025: संगम नगरी पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री, हिंदू समाज के सुधार की दिशा में करेंगे चर्चा