वीआईपी लगातार प्रयागराज महाकुंभ में पहुंच रहे हैं और इस विराट और दिव्य आयोजन में रम जाने को आतुर हैं। इसी क्रम में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी महाकुंभ पहुंचे। पवित्र संगम तट पर मीडिया से बात करते हुए आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, "हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि भारत की संस्कृति का सनातन आदर्श एक आत्मता है, यहां सारे भेदभाव खत्म हो जाते हैं। हमारी संस्कृति कहती है कि किसी भी इंसान के रूप में, उसका दिव्य रूप देखो। मानव ही माधव का रूप है और यहां ये सब यहां नजर आता है।"
बोले महामहिम- यही हमारी संस्कृति है
महामहिम बोले- यहां अपार जनसमूह है, कोई किसी को नहीं जानता लेकिन सब एक दूसरे का सम्मान का करते हैं, यही इंसान को दिव्य में देखना है। हमारी जो विरासत है, जो आदर्श हैं, जो मूल्य हैं, सब मिलकर उसका उत्सव मना रहे हैं, यही भारत है, यही भारत की संस्कृति है। उन्होंने आगे कहा कि पवित्र संगम तट का दृश्य बड़ा ही मनोहारी है और पूरी दुनिया इस दृश्य को अपनी आंखों में कैद कर लेना चाहती है।
समागम का भाव ही इस पर्व को महा पर्व बनाता है
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, "महाकुंभ भारत का केवल प्रतीक ही नहीं है, बल्कि भारत उसको अपने आप में समावेश करने वाला है। उन्होंने कहा कि भारत की जो सार्वभौमिक और समावेशी संस्कृति है वह संगम ही तो है, इसमें विविधता के लिए सम्मान भी है और स्वीकार्यता भी है। यही भारतीय संस्कृति है और भारतीय संस्कृति का यह पर्व है- महाकुंभ। पूरी दुनिया इस बात को मान रही है। लोग कहां - कहां से संगम तट पर पहुंच रहे हैं, किसी को कुछ नहीं पता, लेकिन एक दूसरे के प्रति श्रद्धा का भाव है, सम्मान का भाव है, समागम का भाव है, और यही इस महा पर्व की खासियत भी है। महामहिम आरिफ मोहम्मद खान ने महाकुंभ में परमार्थ निकेतन आश्रम पहुंचकर आश्रम केअध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से मुलाकात भी की।