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Mahakumbh 2025: महाकुंभ में रचा इतिहास, भंते, लामा और बौद्ध भिक्षुओं ने एक साथ लगाई डुबकी

महाकुंभ में भंते, लामा और बौद्ध ‌भिक्षुओं ने साथ स्नान कर नई मिशाल पेश की, ऐसा पहली बार हुआ है। इस समागम से पूरी दुनिया में सनातन और बौद्ध धर्म की एकता का संदेश गया है

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Dhiraj Dhillon
Mahakumbh

Mahakumbh Photograph: (Google)

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महाकुंभ नगर, वाईबीएन नेटवर्क।
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श्रद्धालुओं की संख्या और व्यवस्था के मामले में इतिहास रच रहे महाकुंभ में भंते, लामा और बौद्ध ‌भिक्षुओं ने साथ स्नान कर नई मिशाल पेश की है। पवित्र त्रिवेणी संगम पर ऐसा पहली बार हुआ है। इस समागम से पूरी दुनिया में न केवल सनातन और बौद्ध धर्म की एकता का संदेश गया है बल्कि पहली बार पवित्र संगम बुद्धम शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि और संघ शरणं गच्छामि के जयघोष से गुंजायमान हो गया।
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500 से अधिक बौद्ध धर्मावलंबी पहुंचे

बृहस्पतिवार को 500 से अधिक बौद्ध धर्मावलंबियों ने त्रिवेणी संगम तट पर चल रहे महाकुंभ में पवित्र डुबक‌ी लगाई। बौद्ध भिक्षुओं ने संगम तट पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार की मौजूदगी में सनातन और बौद्ध एकता का संकल्प लिया। इस मौके पर अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्थान के भंते शील रतन ने कहा कि हम एक थे, एक हैं और एकही रहेंगे।
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इंद्रेश कुमार बोले

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आरएसएस के इंद्रेश कुमार ने संगम तट पर कहा कि सनातन व बौद्ध धर्म के समन्वय की इस धारा को हम आगे लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि सनातन ही बुद्ध है। बुद्ध शास्वत और सत्य है। संगत तट पर डुबकी लगाने वाले बौद्ध धर्मावलंबियों में मुख्य रूप से अरुण सिंह बौद्ध, भंते बुद्ध प्रिय विश्व, भंते बोद्धिरक्षित, भंते संघप्रिय, भिक्षु सुमेंता, भंते राजकुमार, भंते अनुरुद्ध, भंते अश्वजीत, भंते संघ रतन, भंते बोद्धि रतन और भंते धम्मदीप आदि शामिल रहे।

पावन धरती, अ‌द्वितीय समागम

निर्वासित तिब्बत सरकार के रक्षामंत्री गैरी डोलमाहम ने कहा कि प्रयागराज की पावन धरती पर यह पावन समागम अद्वितीय है। आरएसएस के मार्गदर्शन में सनातनी और बौद्ध एक साथ हैं, और आगे भी कदम मिलाकर चलने का संकल्प ले रहे हैं, इस बात के बड़े मायने हैं। म्यांमार के भदंत नाग वंशा ने इस मौके पर कहा कि हम विश्व शांति के लिए काम करते हैं। वंशा ने बताया कि वह पहली बार महाकुंभ में पहुंचे हैं।

सीएम योगी ने किया था स्वागत

मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बौद्ध महाकुंभ यात्रा का शुभारंभ किया था। इस मौके पर सीएम योगी ने कहा था कि सभी उपासना विधियों को एक मंच पर लाना अभिनंदनीय है। हिंदू और बौद्ध एक ही वट वृक्ष की दो शाखाएं हैं। यह वट वृक्ष उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और छांव भी देगा। योगी ने कहा था कि भगवान बुद्ध ने दुनिया को करुणा और मैत्री का संदेश दिया। महाकुंभ में पहुंचे भंते, लामा और बौद्ध भिक्षुओं का मुख्यमंत्री ने जूना अखाड़े में स्वागत किया था।
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