Advertisment

Mahakumbh 2025: हिन्दू नाम, गेरुआ वस्त्र और माथे पर तिलक, ऐसे कुंभ मे पहुंची स्टीव जॉब्स की पत्नी

Mahakumbh 2025: महाकुंभ की चर्चा भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है, इसी बीच एप्पल कंपनी के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स कुंभ में हिस्सा लेने प्रयागराज पहुंचीं। आपको बता दें कि लॉरेन पॉवेल जॉब्स..

author-image
Kamal K Singh
Steve Jobs' wife

Photograph: (google )

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

प्रयागराज, वाईबीएन नेटवर्क।

महाकुंभ की चर्चा भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है, इसी बीच एप्पल कंपनी के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स कुंभ में हिस्सा लेने प्रयागराज पहुंचीं। आपको बता दें कि लॉरेन पॉवेल जॉब्स का पहले से ही सनातन धर्म के प्रति झुकाव रहा है। 

आपको बता दें कि लॉरेन पॉवेल जॉब्स के आध्यात्मिक गुरु स्वामी कैलाशानंद महाराज हैं, प्रयागराज पहुंचने के बाद पॉवेल सबसे पहले अपने गुरु के यहां गईं, खबरों के मुताबिक वह वहां कल्पवास करेंगी और साधुओं की तरह सामान्य जीवन व्यतीत करेंगी।

शनिवार को वह प्रयागराज में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अपने गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरि के आश्रम पहुंचीं। वह 15 जनवरी तक शिविर तक रहेंगी और उसके बाद वह अमेरिका लौटकर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगी। लॉरेन अपनी 40 सदस्यीय टीम के साथ शनिवार रात प्रयागराज पहुंचीं।

Advertisment

पॉवेल को मिला हिंदू नाम और गोत्र

इस मामले पर स्वामी कैलाशानंद महाराज जी ने कहा कि पॉवेल मुझे अपने पिता की तरह मानती हैं और मैं उन्हें अपनी बेटी की तरह मानता हूं, इसलिए उन्हें मेरे गुरु का गोत्र दिया गया है। लॉरेन पॉवेल को अच्युत-गोत्र दिया गया है। महाराज जी ने बताया कि लॉरेन पॉवेल की सनातन धर्म में गहरी रुचि है, जिसके चलते वह हिंदू रीति-रिवाजों को समझना और जानना चाहती हैं।

लॉरेन पॉवेल के कुंभ दौरे को लेकर स्वामी कैलाशानंद ने कहा था, "वह अपने गुरु से मिलने यहां आ रही हैं। हमने उनका नाम कमला रखा है और वह हमारी बेटी की तरह हैं। यह दूसरी बार है जब वह भारत आ रही हैं। कुंभ में सभी का स्वागत है।"

Advertisment

अखाड़े की पेशवाई रस्म से होंगी शामिल 

स्वामी कैलाशानंद महाराज जी ने कहा कि वह ध्यान करने के लिए भारत आई हैं। उन्हें अखाड़े की पेशवाई रस्म से शामिल किया जाएगा। इस दौरान पॉवेल संन्यासी की तरह रहेंगी और ध्यान करेंगी। वह 14 जनवरी को अमृत स्नान और 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान करेंगी।

Advertisment
Advertisment