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Mahakumbh 2025: नई दिल्‍ली से प्रयागराज की राउंड ट्रिप 47 हजार से ज्यादा, फेयर पर DGCA भी बेबस

अगर आप यह सोच रहे हैं कि भीड़ के चलते एयर टिकट कुछ महंगा हो गया होगा तो आप गलत हैं। नई दिल्‍ली से प्रयागराज की राउंड ट्रिप के लिए आपको 47 हजार रुपये अधिक खर्च करने पड़ेंगे।

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Dhiraj Dhillon
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Airfare Hike

Airfare Hike Photograph: (Google)

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नई दिल्‍ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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आप यदि महाकुंभ में स्‍नान करने हवाई मार्ग से जाना चाहते थे तो यह प्‍लान आपकी जेब पर काफी भारी पड़ सकता है। करीब साढे चार हजार रुपये में मिलने वाला नई दिल्‍ली से प्रयागराज का एयर टिकट अब कितने रुपये में मिल रहा होगा, जरा कल्‍पना कीजिए। अगर आप यह सोच रहे हैं कि भीड़ के चलते एयर टिकट कुछ महंगा हो गया होगा तो आप गलत हैं। नई दिल्‍ली से प्रयागराज की राउंड ट्रिप के लिए आपको 47 हजार रुपये से अधिक खर्च करने पड़ेंगे। ट्रैवल पोर्टल के मुताबिक नई दिल्‍ली से प्रयागराज जाने और दो दिन बाद वापसी का टिकट 47 हजार से अधिक में मिल रहा है। रेल में किराया सस्‍ता है, लेकिन कंफर्म टिकट उपलब्‍ध नहीं है।

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23 जनवरी को DGCA भी कर चुका है बैठक

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महाकुंभ के दौरान प्रयागराज के एयर फेयर तर्क संगत रखने के लिए डायरेक्‍टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) 23 जनवरी को एयरलाइन कंपनियों के साथ बैठक कर चुकी है, लेकिन उसके बाद भी एयरकंपनियों के कान पर जूं नहीं रेंगी है। डीजीसीए के मुताबिक नई दिल्‍ली से प्रयागराज का न्‍यूनतम हवाई किराया करीब 4200 रुपये है, जो बढाकर 5100 रुपये तक किया जा सकता है, लेकिन एयरलाइन कंपनियां जो किराया वसूल रही हैं, उसे लेकर लोग त्राहिमाम कर रहे हैं।

वीएचपी ने किराए बढाने को लेकर उठाए सवाल

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एयरलाइंस कंपनियों द्वारा किराए में बढोत्‍तरी करने पर विश्‍व हिंदू परिषद की ओर से भी सवाल उठाए गए हैं। वीएचपी ने कहा है कि किराए में बेतहाशा बढोत्‍तरी के कारण श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वीएचपी ने कहा है कि सरकार इस संबंध में तत्‍काल कड़े कदम उठाए। हालांकि वीएचपी के प्रवक्‍ता विनोद बंसल ने महाकुंभ में सुरक्षा और अन्‍य सुविधाओं की सराहना भी की है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के नेता राघव चडढा भी एयर फेयर में बढोत्‍तरी को लेकर सवाल उठा चुके हैं।   

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अब तक 15 करोड़ श्रद्धालु लगा चुके हैं आस्‍था की डुबकी

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प्रयागराज में 144 वर्षों बाद आयोजित महाकुंभ में हर कोई जाने को आतुर है। हिंदू धर्म में कुंभ स्‍नान की बड़ी मान्‍यता है। कुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है। 12 कुंभ होने के बाद महाकुंभ आता है। इसकी मान्‍यता कहीं ज्‍यादा है। मकर संक्रांति के दिन महाकुंभ में साढे तीन करोड़ श्रद्धालुओं ने स्‍नान किया था, वहीं मौनी अमावस्‍या पर 15 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंने की उम्‍मीद है। 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 15 करोड़ श्रद्धालु संगम पर आस्‍था की डुबकी लगा चुके हैं।

स्‍थानीय बाइकर्स भी काट रहे चांदी

महाकुंभ से लौटे गाजियाबाद निवासी करणवीर सिंह ने बताया कि घाट तक जाने के लिए लोगों को 20-20 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा है। स्‍थानीय बाइकर्स भी इस मौके का फायदा उठाते हुए थोड़ी दूर पहुंचाने के लिए भी कम से कम एक हजार रुपये वसूलते रहे हैं। करणवीर बताते हैं कि मेले में अमरुद का भाव भी तीन सौ रुपये किलो से ऊपर है। हालांकि सफाई व्‍यवस्‍था को लेकर करणवीर में संतुष्‍ट नजर आए। 

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