महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के बाद प्रशासन खासतौर पर अलर्ट है। अब बसंत पंचमी पर 3 फरवरी को अगला अमृत स्नान होगा, उस दिन जोनल प्लान का सख्ती से पालन कराया जाएगा। आसपास के जिलों से ही भीड़ को नियंत्रित करना शुरू कर दिया जाएगा। संगम पर श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए आसपास के जिलों में रोक लिया जाएगा। संगम तट पर श्रद्धालुओं की संख्या कम रखी जाएगी और लोगों को उसी हिसाब से तट पर पहुंचने दिया जाएगा।
शासन से पांच विशेष अधिकारी तैनात
बसंत पंचमी की तैयारी के लिए शासन से पांच विशेष अधिकारी तैनात किए गए हैं। विशेष अधिकारी कंट्रोल रूम में बैठकर मेले की स्थिति पर नजर रखेंगे। प्रयागराज जंक्शन पर बनाए गए कंट्रोल रूम से भी श्रद्धालुओं की संख्या पर नजर रखी जाएगी। आसपास के जिलों के जिलाधिकारी भी कंट्रोल रूम के संपर्क में रहेंगे और जैसे ही मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ेगी, संबंधित जिलाधिकारी अपने जिले की सीमा में श्रद्धालुओं को होल्ड करने का काम करेंगे।
संगम तट पर रात को भी रुकने की अनुमति नहीं
अमृत स्नान के दौरान संगम तट पर भीड़ नियंत्रित रखने के लिए प्रशासन पहले ही चौकन्ना रहेगा। रात में श्रद्धालु स्नान तो कर सकेंगे लेकिन घाट के आसपास उन्हें ठहरने नहीं दिया जाएगा, उन्हें रात में घाट छोड़ना पड़ेगा। प्रशासन ने बृहस्पतिवार से इसका रिहर्सल भी शुरू कर दिया। रात में घाट के पास श्रद्धालुओं को सोने की अनुमति नहीं होगी। सीआरपीएफ की महिला टीम संगम घाट पर तैनात की गई है जो जल के अंदर किसी को भी ज्यादा समय तक नहीं ठहरने दे रही, बसंत पंचमी के मौके पर भी श्रद्धालुओं ज्यादा देर ठहरने नहीं दिया जाएगा।
मेला क्षेत्र में घुड़सवार पुलिस मुस्तैद
मेला क्षेत्र में घुड़सवार पुलिस मुस्तैद है। बसंत पंचमी के मौके पर भी घुड़सवार पुलिस खासतौर पर सक्रिय रहेगी। घाट के किनारे कहीं भी भीड़ का ठहराव नजर आएगा तो घुड़सवार पुलिस तुरंत मौके पर पहुंंचेगी और लोगों को वहां से निकालने का काम करेगी। एसीपी रैंक के अधिकारी घाट पर नजर रखेंगे।