महाकुंभ नगर, वाईबीएन नेटवर्क।
महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर भगदड़ का एक बड़ा कारण स्नान घाट पर नागा साधुओं का पहुंचना बताया जा है। 28 जनवरी रात में ही श्रद्धालु संगम पर पहुंचने लगे थे और वहीं पॉलिथीन बिछाकर सो गए ताकि सुबह होने पर जल्दी स्नान कर सकें। करीब आधा किमी का एरिया पूरी तरह पैक था, नागा साधुओं के स्नान के लिए आने की अफवाह से संगम पर मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। इसके बाद मची अफरातफरी में लोग दब गए। हालांकि इतनी बड़ी घटना के पीछे के पीछे और तमाम वजह भी हो सकती हैं, उनकी जांच हो रही है। योगी सरकार ने मामले की न्यायिक जांच की घोषणा की है।
आज महाकुंभ पहुंचेंगे CS और DGP
महाकुंभ में त्रासदी को लेकर योगी सरकार एक्शन में है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार आज मामले की जांच के लिए प्रयोगराज पहुंच रहे हैं। मौनी अमावस्या के मौके पर हुई भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी भावुक हो गए थे। उन्होंने मामले देर रात तक अधिकारियों के साथ बैठक लीं। मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयाेग का गठन किया गया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस खुद भी मामले की जांच कर रही है।
यूपी सरकार त्रासदी का सच उजागर करेगी
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कल महाकुंभ में हुई त्रासदी का सच उजागर करने के लिए कमर कस ली है। कल दिन भर पूरा सिस्टम रेस्क्यू ऑपरेशन में लगा रहा है। हादसे में घायल करीब 60 श्रद्धालुओं का उपचार चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीडि़तों के परिजनों की हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री खुद घायलों के स्वास्थ्य का अपडेट ले रहे हैं। इस बीच यूपी सरकार ने हादसे के पीछे का सच उजागर करने के लिए जांच तेज कर दी है। मुख्य सचिव और डीजीपी खुद उस स्थान पर जाएंगे, जहां से इस त्रासदी की शुरूआत हुई और हादसे का मूल कारण जानने का प्रयास करेंगे।
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अब तक के ये अपडेट भी जान लीजिए
▪️बुधवार देर शाम मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी वैभव कृष्ण ने मौनी अमावस्या के पर्व पर संगम नोज में हुए हादसे की विस्तृत जानकारी दी।
▪️उन्होंने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त से पूर्व प्रातः एक बजे से 2 बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना। भीड़ के दबाव के कारण दूसरी ओर के बैरीकेड्स टूट गए और लोग बैरीकेड्स लांघकर दूसरी तरफ आ गए और ब्रह्म मुहूर्त पर स्नान का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को कुचलना शुरू कर दिया।
▪️शासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य करते हुए भीड़ को हटाया और एंबुलेंस के माध्यम से लगभग 90 घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन इसमें से दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई है। इनमें से 25 की पहचान हो चुकी है और शेष की शिनाख्त की जानी बाकी है।
▪️मृतकों में कुछ लोग बाहर के प्रदेशों से हैं, जिसमें कर्नाटक से 4, असम से एक, गुजरात से एक है। कुछ घायलों को परिवार के लोग लेकर चले गए हैं तथा 36 घायलों का इलाज स्थानीय मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन के द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है। इस समय स्थिति सामान्य है।
▪️29 जनवरी को शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा। आज मेला प्रशासन ने वीआईपी प्रोटोकॉल इंटरटेन नहीं किया। जो भी मुख्य स्नान पर्व हैं उस पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा।