महाकुंभ नगर से एक बड़ी खबर आ रही है। अपने तीखे और विवादास्पद बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाले डासना देवी मंदिर के महंत और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से पत्र लिखा है। पत्र में मांग की गई है कि सैन्य कार्रवाई करते हुए बांग्लादेश में वहां रह रहे हिंदुओं के लिए अलग राष्ट्र बनवाया जाए। इस मौके पर गाजियाबाद के दूधेश्वरनाथ मंदिर के महंत श्री नारायण गिरी समेत कई धर्मगुरु उनके संग नजर आए। यति नरसिंहानंद फाउंडेशन की महासचिव डा. उदिता त्यागी ने बताया कि इस मुद्दे पर वह सभी सनातनी धर्मगुरुओं से समर्थन मांगने जाएंगी।
बांग्लादेश के मुद्दे पर यति सख्त
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और डासना देवी मंदिर के महंत शुरू से ही सख्त रहे हैं। उनके साथ यति फाउंडेशन की महासचिव डा. उदिता त्यागी भी बांग्लादेश में सैन्य कार्रवाई की मांग करते रहे हैं। लेकिन अब यति नरसिंहानंद सरस्वती ने महाकुंभ में अपने खून से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर एक बार फिर इस मामले को तेज कर दिया है।
हरिद्वार में धर्म संसद को लेकर चर्चा रहे
यति नरसिंहानंद सरस्वती पिछले दिनों हरिद्वार में धर्म संसद के आयोजन को लेकर खासे चर्चा में रहे थे। उससे 29 सितंबर, 2024 को गाजियाबाद के हिंदी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान विवादित बयान देने पर पुलिस ने यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। उसके बाद प्रतिक्रिया स्वरूप डासना मंदिर पर हजारों की भीड़ पहुंच गई थी, पुलिस को स्थिति पर काबू पाने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा था। मास्को से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले यति नरसिंहा सरस्वती अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं।
समर्थन जुटाने वाली डा. उदिता त्यागी कौन हैं
यति फाउंडेशन की महासचिव डा. उदिता त्यागी बांग्लादेश में सैन्य कार्रवाई के लिए सनातन धर्मगुरुओं को समर्थन मांगेंगी। उत्तर प्रदेश के गढ़मुक्तेश्वर में जन्मी डा. उदिता 2011 में मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड चुनी गई थीं। पिछले साल वह जनवरी माह में डासना शिव शक्ति धाम के जीर्णोद्धार के लिए 108 दिवसीय भिक्षा यात्रा पर निकली थीं। यह यात्रा उन्होंने नंगे पैर की थी।