महाकुंभ नगर, वाईबीएन नेटवर्क।
प्रशासन आखिर भगदड़ में मृतकों का आंकड़ा क्यों छिपा रहा है, यह बड़ा सवाल है। हालांकि महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद स्थितियां सामान्य हो गई हैं, और इतनी भारी भीड़ के वावजूद इतने कम समय में स्थितियां सामान्य होना कम बात नहीं है, लेकिन प्रशासन इस भगदड़ में मारे गए लोगों का नंबर अभी नहीं बता रहा है। दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी मृतक आश्रितों के प्रति अपनी संवेदनाएं जाहिर कर चुके हैं। हादसे के बाद से सीएम योगी से पीएम मोदी चार बार बात कर चुके हैं, क्या सीएम ने पीएम को भी यह आंकड़ा नहीं बताया होगा।
यह हो सकती है वजह
भगदड़ में मृतकों का आंकड़ा छिपाए जाने की बड़ी वजह यह भी हो सकती है कि ऐसा करने से आयोजन स्थल पर परिस्थितियों को संभालने में मुश्किलें न बढ जाएं। फौरी तर पर प्रशासन की प्राथमिकता व्यवस्था बनाने की थी, जिसमें प्रशासन काफी हद तक कामयाब रहा है और आठ से 10 करोड़ लोगों की मौजूदगी के बाद भी महाकुंभ नगर में सब कुछ सामान्य हो चुका है। खैर, देर सवेर सच सामने आएगा और जिम्मेदार एजेंसियां इसकी जांच भी शुरू कर चुकी हैं।
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ब कुछ पारंपरिक तरीके से ही होगा
डीआईजी मेला वैभव कृष्ण ने कहा है कि मेला स्थल पर स्थितियां पूरी तरह सामान्य हो चुकी हैं, उसके बाद अमृत स्नान भी शुरू हो चुका है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि श्रद्धालुओं को मौनी अमावस्या के मौके पर आराम से स्नान का मौका मिलेगा, सब कुछ पारंपरिक तरीके से ही होगा। पुलिस और प्रशासन सभी अखाड़ों को उनके पारंपरिक जुलूस निकलवाने में भी पूरी सहायता करेगा। डीआईजी मेला ने कहा है कि बुधवार सुबह हुई घटना के कारणों की जांच की जा रही है। लापरवाही पाई जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।
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श्रद्धालु धैर्य बनाए रखें
श्रद्धालु धैर्य बनाए रखें, मौनी अमावस्या शाम छह बजे तक है। जानकारों का कहना है कि उसके बाद भी 8 फरवरी तक मौनी अमावस्या के स्नान का पुण्य मिलेगा। इसलिए श्रद्धालु धैर्य बनाए रखें। लाइन में चलें और आराम से स्नान ध्यान करें। सोशल मीडिया पर अफवाह न तो फैलाएं और न ही ऐसी अफवाहों पर विश्वास करें। महाकुंभ नगर में अब कुछ सामान्य है। सीएम योगी ने कहा है कि शासन और प्रशासन की प्राथमिकता घायलों को बेहतर उपचार की है, पूरे मामले की जांच होगी और कार्रवाई भी।