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स्वास्थ्य विभाग के करीब 100 कर्मचारी नकारा मिले हैं। इन सभी वेतन काटे जाने के साथ ही विभाग की ओर से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। दरअसल अपने विभाग का हाल जानने के लिए बीते दिनों मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह की ओर से स्वास्थ्य केंद्रों एवं इकाइयों पर छापेमारी अभियान चलाया गया था। सीएमओ के नेतृत्व में लगातार तीन दिन चली छापेमारी में सौ कर्मचारी ड्यूटी से गैरहाजिर मिले।
26 केंद्रों पर की गई छापेमारी
शहर में स्थित 26 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व अर्बन मलेरिया इकाई आदि पर छापेमारी की गई। सीएमओ द्वारा छापेमारी के लिए गठित टीम के सक्रिय सदस्य उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.संजीव बेलवाल ने बताया कि डॉक्टरों व कर्मचारी कितनी मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं यह देखने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर छापेमारी का विशेष अभियान महीने भर चलेगा। इस दौरान टीम किसी भी दिन किसी भी केंद्र या इकाई पर पहुंचकर वास्तविक हकीकत देख सकती है। वहीं ड्रग विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने संयुक्तरूप से एक मेडिकल स्टोर के विरुद्ध कार्रवाई की गई। छोलाछाप के पुराना आरटीओ दफ्तर स्थित कार्यालय में करीब 15 हजार की दवाइयां जब्त की गईं।
तीन नमूने एकत्र किये
तीन नमूने जांच के लिए एकत्र किए गए। ड्रग इंस्पेक्टर उर्मिला वर्मा और डा. संजीव बेलवाल ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की है। अतीक अहमद द्वारा अवैध रूप से मेडिकल स्टोर का संचालन किया जा रहा था। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि इस दौरान तीन दवाइयों के नमूने लेकर लैब में परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। इसके बाद न्यायालय में परिवाद भी दायर किया जाएगा।
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