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हाईस्कूल और इंटरमीडीएट के करीब 21 हजार स्टूडेंटस की छात्रवृत्ति इस बार लटक सकती है, क्योंकि उन्होंने जो ऑनलाइन आवेदन किया है। उसमे जो प्रमाण पत्र लगाये हैं। वह प्रमाण अनुपयोगी हैं, जो एक-दूसरे को सत्यापित नहीं कर रहे हैं। इसलिए स्टूडेंटस ने अगर इसमे सुधार नहीं किया तो छात्रवृत्ति लटक सकती है।
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हालांकि समाज कल्याण विभाग की ओर से इन विद्यालयों को त्रुटि सुधार के संदर्भ में पत्र जारी किया जा रहा है। यहां बता दें कि समाज कल्याण विभाग की ओर से अन्य वर्ग के 17227 और 11- 12 कक्षा के 4864 आवेदन की जांच को मिसमैच मानते हुए स्कूलों, कॉलेजों और विश्व विद्यालयों को पत्र भेजकर त्रृटि में सुधार कराने का अनुरोध किया है,क्योंकि आधार, आय प्रमाण पत्र, जाति जैसे प्रमाणों को ऑनलाइन जांच में संदिग्ध माना गया है।
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इस आधार पर विभाग की ओर से ऐसे आवेदनों के दूसरी बार जांच के लिए संस्थाओं को पत्र भेजा गया है। अगर जल्द ऐसे आवेदनों की आपत्ति पर संस्थाओं की ओर से अनुकूल रिपोर्ट नहीं मिली तो ऐसे आवेदन खारिज हो जाएंगे। जिला समाज कल्याण अधिकारी शैलेंद्र गौतम ने बताया कि आपत्तियों को लेकर संस्थाओं से अनुरोध किया गया है।