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मुरादाबाद में कुत्तों के आंतक से हर माह 3300 हो रहे जख्मी, नगर निगम खामेाश

मुरादाबाद में कुत्तों ने आतंक मचा रखा है। एक महीने के भीतर 3300 लोग कुत्तों का शिकार हो रहे हैं, जिनमे ज्यादातर बच्चे हैं। मगर नगर निगम के अफसर उस काम में अधिक रूचि रखते हैं, जहां से उन्हें वसूली होती है।

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Anupam Singh
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मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

मुरादाबाद में कुत्तों ने आतंक मचा रखा है। एक महीने के भीतर 3300 लोग कुत्तों का शिकार हो रहे हैं, जिनमे ज्यादातर बच्चे हैं। मगर नगर निगम के अफसर उस काम में अधिक रूचि रखते हैं, जहां से उन्हें वसूली होती है। जिला अस्पताल के रिपोर्ट के अनुसार एक महीने में 3300 कुत्तों का शिकार होने पर पहुंचे। इनमे से 1200 बच्चों की संख्या है। इसके बावजूद नगर निगम कुत्तों की नसबंदी में खानापूर्ति कर रहा है। जिले की गलियों में लोगों को शिकार बना रहे सैकड़ों कुत्तों का रिकॉर्ड ही नहीं है।

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शहर में घूम रहे यह कुत्ते।

शहर में घूम रहे हैं 15 हजार कुत्ते

शहर की सड़कों पर लगभग 15 हजार कुत्ते घूम रहे हैं। इसी का नतीजा है कि कुत्तों के हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं। जिला अस्पताल के अलावा जिले के नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी एंटी रैबीज वैक्सीन लगाई जाती हैं। यहां भी हर दिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसके बावजूद नगर निगम या अन्य नगर निकायों की ओर से कुत्तों की नसबंदी के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।

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 पालतू 1500 में से केवल 178 के पास लाइसेंस

 पालतू कुत्तों के लाइसेंस बनाने में नगर निगम की ओर से लापरवाही बरती जा रही है। शहर में लगभग 1500 से अधिक लोग कुत्ता पाल रहे हैं, मगर लाइसेंस सिर्फ 178 लोगों के पास है। इनमें से कई लोगों ने प्रतिबंधित कुत्ते भी पाल रखे हैं, जो बेहद खतरनाक हैं। साथ ही रजिस्ट्रेशन न होने से निगम को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।

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लाइसेंस की वैधता 31 मार्च तक 

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नगर निगम की ओर से जारी पालतू कुत्ते का लाइसेंस एक साल के लिए वैध होता है। लाइसेंस नहीं लेने वाले पशु स्वामी पर जुर्माना का भी प्रावधान है। पशु स्वामियों के लाइसेंस की वैधता 31 मार्च तक रहती है। इसके बाद एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक लोगों को लाइसेंस का नवीनीकरण कराना पड़ता है। मई के बाद नवीनीकरण करने पर जुर्माना देना होता है। निगम में पंजीकरण कराते समय पशु स्वामियों को कुत्ते के एंटी रैबीज इंजेक्शन लगा होने का पंजीकरण भी देना होता है। डॉक्टरों का मानना है कि शहर में पालतू कुत्तों की संख्या 1500 के करीब है। करीब दर्जन भर लोगों ने प्रतिबंधित कुत्ते भी पाल रखे हैं, जिसमें पिटबुल और शेफर्ड नस्ल के कुत्ते शामिल हैं। वहीं नगर निगम में केवल 178 पालतू कुत्तों का ही रजिस्ट्रेशन है।

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सार्वजनिक स्थान पर नहीं करा सकते शौच

पालतू कुत्ता रखने वाले व्यक्ति को निगम की ओर से लाइसेंस लेना अनिवार्य रहता है। साथ ही पशु स्वामी किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र जैसे पार्क, गली, सड़कों आदि में कुत्ते को लावारिस नहीं छोड़ सकते हैं। न ही इन स्थानों पर खुले में शौच कराने की अनुमति है। अगर पालतू कुत्ते को एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं लगी है और वह किसी व्यक्ति को काट लेता है। 

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