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फाइल फोटो
मुरादाबाद की जनता के लिए जल्द ही शहर में मंडलीय एकीकृत कार्यालय का निर्माण शुरू होने जा रहा है, जहां सभी विभागों के कार्यालय एक ही छत के नीचे होंगे। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का फैसला मुरादाबाद कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई मुरादाबाद विकास बोर्ड की बैठक में लिया गया। इस कदम से न केवल प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि आम जनता को भी विभिन्न कार्यालयों के चक्कर लगाने से राहत मिलेगी।
तहसील के पास 10 एकड़ जमीन पर होगा निर्माण
मुरादाबाद मंडलीय कार्यालय के लिए जमीन का चयन कर लिया गया है। यह कार्यालय मुरादाबाद तहसील के नजदीक 10 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि विभिन्न विभागों से बातचीत के बाद जरूरत पड़ने पर जगह को और बढ़ाया भी जा सकता है। इस एकीकृत कार्यालय में मंडलायुक्त, डीआईजी, डीएम, एसएसपी और न्यायिक कार्यालयों सहित सभी प्रमुख विभागों को शामिल करने की योजना है। इसका उद्देश्य जनता की सुविधा को बढ़ाना और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाना है।
विकास बोर्ड की बैठक में लिया गया बड़ा फैसला
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीए) की ओर से इस परियोजना का खाका तैयार किया गया है। मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि इस कार्यालय को जनता के लिए सुगम और उपयोगी बनाया जाए। बैठक में यह भी तय हुआ कि मल्टी-स्टोरी इमारत के रूप में बनने वाला यह कार्यालय आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। इसमें सिंगल विंडो सिस्टम, ई-ऑफिस, कांफ्रेंस हॉल और अन्य बुनियादी व्यवस्थाएं शामिल होंगी, ताकि लोगों को एक ही जगह पर सभी सरकारी सेवाओं का लाभ मिल सके।
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जनता को नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर
मुरादाबाद के निवासियों के लिए यह परियोजना किसी वरदान से कम नहीं है। अभी तक लोगों को पुलिस, प्रशासनिक और न्यायिक कार्यों के लिए अलग-अलग कार्यालयों में जाना पड़ता था, जिससे समय और संसाधनों की बर्बादी होती थी। मंडलीय एकीकृत कार्यालय बनने के बाद यह समस्या खत्म हो जाएगी। मंडलायुक्त ने कहा, "आने वाले समय में मुरादाबाद की जनता को कहीं भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सभी सेवाएं एक जगह उपलब्ध होंगी, जिससे पारदर्शिता और कार्यकुशलता दोनों बढ़ेंगी।
एमडीए ने तेज की तैयारी
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने इस परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है, जिसे जल्द ही शासन को भेजा जाएगा। एमडीए के उपाध्यक्ष शैलेश कुमार ने बताया कि जमीन के चिन्हांकन का कार्य तेजी से चल रहा है और मंडलायुक्त की स्वीकृति के बाद निर्माण प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस परियोजना को पूरा करने के लिए 55 विभागों से जानकारी मांगी गई थी, ताकि सभी जरूरतों को ध्यान में रखा जा सके।
जनता और अधिकारियों में उत्साह
इस परियोजना को लेकर स्थानीय जनता और अधिकारियों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। मुरादाबाद के निवासी रमेश कुमार ने कहा, "अगर यह कार्यालय बन जाता है तो हमें अपने काम के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। यह हमारे लिए बड़ी राहत होगी।" वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि इससे न केवल कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ भी लोगों तक आसानी से पहुंचेगा।
भविष्य की योजनाओं का भी रखा गया ध्यान
मंडलीय एकीकृत कार्यालय को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जा रहा है। इसमें वादकारियों, अधिवक्ताओं, गवाहों और मीडिया के लिए भी अलग से स्थान निर्धारित किया जाएगा। साथ ही, यह कार्यालय पूरी तरह से पब्लिक फ्रेंडली होगा, जिसमें सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
मुरादाबाद में इस तरह का एकीकृत कार्यालय बनने से शहर का प्रशासनिक ढांचा और मजबूत होगा। यह परियोजना न केवल मुरादाबाद, बल्कि पूरे मंडल के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकती है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि यह परियोजना कब तक धरातल पर उतरती है और जनता को इसका लाभ कब से मिलना शुरू होता है।
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