वाईबीएन, संवाददाता।
एक तू सच्चा तेरा नाम सच्चा मंत्र के ऋषि सत्पुरूष बाबा फुलस्न्दे वालों ने सैलीब्रेशन बैंकट हॉल पुलिस लाइन,मुरादाबाद में उपस्थित धर्मसमा को सम्बोधित करते हुये कहा- एक तू सच्चा तेरा नाम सच्चा,हे परमेश्वरः तू सच्चा है तेरा नाम सच्चा है।
संसार की बातों को सुनते हुये भी हम परमात्मा की तरफ को ही देखते हैं
बाबा ने भक्तों को प्रवचन देते हुए कहा कि मनुष्य के शरीर में जब विद्या का ज्ञान आता तब हमारे अंदर एक ईश्वर के तत्व का उदय होता है। संसार में रहते हुये भी हम संसार से अलग रहते हैं। इस संसार को देखते हुये भी इसको नहीं देखते। परमात्मा की तरफ को देखते रहते हैं, संसार की बातों को सुनते हुये भी हम परमात्मा की तरफ को ही देखते हैं उसकी दिव्य वाणी को सुनते रहते है। लोगो के साथ बात करते हुये भी बोलते हुये भी हम उनसे नहीं बोलते हम तो उस परमात्मा से बोलते रहते हैं। ये जीवन की शिव अवस्था,खेचरी मुद्रा,खेचरी अवस्था है ये जीवात्मा रूपी पशु ही उस पशुपति के स्पर्श से,उसके प्यार को पाकर के ,उसकी करूणा को पाकर उसी जैसा बन जाता है।
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बाबा ने भक्तों को बताया कि जैसे लकड़ी रखी है रखे-रखे उस लकड़ी में आग नहीं लग सकती, ऐसे ही कोई जीव आत्मा अपने भीतर उस परब्रह्म को बिना गुरु के जगा नहीं सकता। गुरु ही हमें ईशवर का रास्ता दिखाते है। गुरु जब अपनी दिव्य आत्म शक्ति को हमारी तरफ जब उतारते है। तब साधना के द्वारा मंत्र जप के मस्तक में सांसों के द्वारा मेरूदण्ड में जो हमारे कमर में स्थित है उसमें अलग-अलग स्थानों पर ब्रह्म शक्ति का उदय होता है। गुरू ही इसमें एक मात्र उपाय हैं।
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