मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।
आधी-अधूरी तैयारियों के साथ पहुंचे जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) को मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) को जोरदार फटकारा और कहा 27 फरवरी को अपने मातहतों के साथ बैठक कर लें। असंतोष वाले बिंदुओं को ठीक करें और पूरी रिपोर्ट तैयार करें।
दरअसल 6 मार्च को विधानसभा की पंचायती राज समिति की बैठक प्रस्तावित है, जिसमे मुरादाबाद के जिले में हुए पंचायतों के कार्यों पर भी चर्चा की जानी है। विशेष तौर से वित्तीय वर्ष 2017-18 में हुए कार्यों पर मंथन होना है, उस समय पंचायती राज विभाग के अधीन काफी घोटाले हुये थे। इस पर 30 बिंदुओं की समीक्षा करने के लिए मुख्य विकास अधिकारी सुमित यादव ने डीपीआरओ को बुलाया था। मगर वह पूरी तैयारी के साथ बैठक में नहीं पहुंचे थे। लिहाजा भरी मीटिंग में सीडीओ ने उन्हें खूब लताड़ा और खरी-खोटी सुनाई। इस दौरान सीडीओ ने जिला लेखा परीक्षा अधिकारी को निर्देश दिया गांव और क्षेत्र पंचायत के प्रस्तरों का परिपालन दुरुस्त करा लें।
यह भी पढ़ें: मुरादाबाद में टोरेंट गैस की पाइप लाइन में लगी आग, मची अफरातफरी
जबकि जिला पंचायत राज अधिकारी असंतोष वाले बिंदुओं की 27 फरवरी को समीक्षा कर लें। बैठक में विकास खंड के सहायक विकास अधिकारी पंचायत और ग्राम सभा के सचिव अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। खंड विकास अधिकारी मुरादाबाद, बिलारी, कुंदरकी और डिलारी के 30 प्रस्तरों पर आपत्तियों का निस्तारण सुनिश्चित करें। बैठक में जिला विकास अधिकारी जीबी पाठक, जिला पंचायत राज अधिकारी वाचस्पति झा, जिला लेखा परीक्षा अधिकारी, विकास खण्ड अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें:जानें, मुरादाबाद की चीनी मिलें मार्च माह से पहले आज से क्यों हो जाएंगी बंद
करोड़ों के घोटाले में निलंबित किये गये थे मुरादाबाद के डीपीआरओ
वर्ष 2021 में जब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाले थे। उसके पहले ग्राम सचिवों ने 20 ग्राम पंचायतों से करीब साढ़े चार करोड़ की धनराशि निकाल ली थी, उसमें 83 लाख से अधिक धन का कोई उपभोग प्रमाणपत्र भी नहीं दिया गया। जांच में बड़े पैमाने पर धन की हेराफेरी होने की पुष्टि हुई तो तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी राजेश कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया था। इसी तरह से दो विकास खंड कुंदरकी और मूढ़ापांडे के 10-10 ग्राम पंचायतों के 10 सचिवों को निलंबित कर दिया गया था।