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एडीएम सिटी की कोर्ट से एक-एक कर करीब 10 फाइलें गायब हो गईं और एडीएम सिटी को लंबे समय तक पता ही नहीं चला। जब कोर्ट से निकलकर यह बात बाहर वकीलों तक चली गई और चर्चा आम हो गई। तब एडीएम सिटी ने जांच करवाई तो बात सच साबित हुई, कि कोर्ट से महत्वपूर्ण दस फाइलें गायब हैं। यह फाइलें किरायेदारी और फूड सेफ्टी के वादों से संबंधित बताई जाती हैं। गायब हुई फाइलें वर्ष 2022-23 की अविध के वादों की हैं। जांच में 58 में केवल 48 फाइलें ही मिली हैं। इससे हड़कंप मचा हुआ है।
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यहां बता दें कि फाइलों के गायब होने की चर्चा आम होने पर एडीएम सिटी के पेशकार रहे शिवम मिश्रा पर फाइल गायब करने के आरोप में एक एफआईआर दस दिन पहले हुई थी। उसके बाद उनके कार्यकाल की जांच कराई गई तो हकीकत सामने आई। आरोपी पेशकार ठाकुरद्वारा असलहा दफ्तर से सम्बद्ध है। एफआईआर दर्ज होने के बाद से वह दफ्तर नहीं आ रहा है। उसने मेडिकल अवकाश के लिए पत्र एडीएम सिटी को जरूर भेज दिया है।
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जांच जब आगे बढ़ी तो पता चला लाकड़ी सजलपुर की 120 एकड़ जमीन मनोहरपुर गांव में दर्ज कर दी गई। इसमें बंजर भूमि के अलावा नदी का रकबा भी शामिल है। इससे संबंधित एक गांव का मानचित्र भी रिकॉर्ड रूम में नहीं मिला। अब तक इस मामले की जांच चल रही है। वहीं 15 साल पहले भी कलेक्ट्रेट के रिकॉर्ड रूम से मानचित्र गायब हो चुके हैं। यह मामला कोर्ट तक पहुंचा था।
एडीएम सिटी ज्योति सिंह ने बताया कि जांच कराई जा रही है। अभी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट मिल जाने के बाद ही पेशकार के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।