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बर्बाद हुई फसलों Photograph: (MORADABAD )
मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता। प्राकृतिक आपदाओं से बर्बाद हुई फसलों की भरपाई के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर अब किसानों का भरोसा उठता जा रहा है। जिले में खरीफ सीजन में 3.14 लाख से अधिक किसानों ने खेती की, लेकिन मात्र 11 हजार किसानों ने ही फसल बीमा कराया।
किसानों ने फसल क्षति के लिए बीमा कंपनियों से दावा किया
किसानों का कहना है कि बीमा क्लेम की प्रक्रिया बेहद जटिल है और नुकसान के बावजूद मुआवजा मिलना मुश्किल होता है। इसी कारण से किसान योजना से दूरी बना रहे हैं। कुल 595 किसानों ने फसल क्षति के लिए बीमा कंपनियों से दावा किया, जिनमें से केवल 531 किसानों को 37.54 लाख रुपये का भुगतान किया गया।
केसीसी से बीमा की अनिवार्यता हट चुकी है, और इसी वजह से किसान अब यह जोखिम खुद ही उठा रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के जिला महासचिव दीपक चौधरी ने कहा, “बीमा सिर्फ दिखावे का है। सरकार और कंपनियां किसानों के साथ छल कर रही हैं। इतना कुछ सहने के बाद भी किसान को उसका हक नहीं मिलता।” जिला कृषि अधिकारी डॉ. आरपी सिंह ने माना कि अब बीमा जरूरी नहीं है और किसान की मर्जी के बिना बैंक किस्त नहीं काटते।
कुल मिलाकर, किसानों के बीच फसल बीमा योजना को लेकर भरोसे की कमी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।
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