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चैत्र नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा संग भक्तों ने विधि-विधान से घट स्थापना की। सुबह से ही मुरादाबादके प्रमुख मंदिरों में माता रानी के दर्शन को भक्तों की कतार लग गई। घंट-घड़ियाल और देवी मां के जयकारों से मंदिर गूंज उठे। भक्तों ने पूरी आस्था के साथ मां की पूजा-अर्चना की। इस दौरान पुलिस भी भक्तों की सुरक्षा के तैनात रही।
लाल बाग स्थित काली माता मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है। यहां पर आज भोर से ही भक्तों की लंबी कतार देखने मिली। इसी तरह लाल बाग स्थित सिद्धपीठ नौ देवी काली माता मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ है। वहीं रेलवे कालोनी स्थित मनोकामनाश्री हनुमान मंदिर आज भक्तों की तादाद रोज अपेक्षा अधिक देखी गई। इसके अलावा कोर्ट रोड स्थित दुर्गा मंदिर में माता की आराधना के लिए भक्तों का सुबह से आना शुरू हो गया है। बुधबाजार श्री दुर्गा भवन मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ है।
मंदिरों के बाहर पूजा सामग्री की सजीं दुकानें
मंदिरों के बाहर सुबह से ही छोटे व्यापारी ठेला और नीचे बैठकर फल-फूल व प्रसाद बेचने के लिए बैठ गए। सुबह से ही भक्त मंदिर में आने शुरू हो गए। इन छोटे व्यापारियों की खूब बिक्री भी हो रही है। खासकर गेंदा के फूल की माला भक्त अधिक खरीद रहे हैं। साथ ही बाजारों में भी माता रानी के शृंगार की सामग्री की खूब खरीदारी हो रही है। भक्तों ने मां के लिए चुनरी और शृंगार के लिए सामान खरीदा।
मां काली के दर्शन से दूर होते हैं भक्तों के कष्ट
लालबाग स्थित प्राचीन काली माता मंदिर में एक समय था जब यहां मां काली की छोटी से मूर्ति हुआ करती था। यह बात करीब 400 वर्ष पुरानी है। धीर-धीरे यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मन्नतें पूरी होने लगीं, जिसके बाद से यहां भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। नवरात्रों में मंदिर पर विशेष रूप से सजाया जाता है। मान्यता है कि मां काली के दर्शन मात्र से भक्तों के कष्ट दूर हो जाते हैं। मां काली मंदिर से कभी कोई श्रद्धालु खाली हाथ नहीं लौटता। यहां आकर लाखों श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी हो चुकी है।
माना जाता है कि जब भी कभी रामगंगा नदी में बाढ़ आई है तो रामगंगा नदी किनारे स्थित माता के मंदिर की सीढ़ियों से आगे नहीं आ पाई। यहां हर शनिवार को मां काली देवी को श्रद्धालु चुनरी, शृंगार का सामान और नारियल चढ़ाते हैं। साथ ही दीपक जलाते हैं। कोई भक्त यहां धागा बांधकर मन्नत मांगते हैं।
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