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Moradabad: सांसद रूचि वीरा से पुरानी पेंशन बहाली का मामला सदन में उठाये जानी की मांग

अटवा पेंशन बचाओ मंच ने मुरादाबाद की सांसद को ज्ञापन सौंपा और पेंशन बहाली की की मांग उठाई।01 जनवरी, 2004 के बाद देश में नियुक्त 75 लाख से अधिक शिक्षकों कर्मचारियों व अर्द्ध सैनिक बलों के सैनिको को पुरानी व्यवस्था से वंचित कर नई पेंशन अर्न्तगत लाया गया है।

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Anupam Singh
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सांसद रुचि वीरा।

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मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

अटवा पेंशन बचाओ मंच ने मुरादाबाद की सांसद रुचि वीरा को ज्ञापन सौंपा और पेंशन बहाली की की मांग उठाई। ज्ञापन के माध्यम से बताया कि 01 जनवरी, 2004 के बाद देश में नियुक्त 75 लाख से अधिक शिक्षकों एवं कर्मचारियों व अर्द्ध सैनिक बलों के सैनिको को पुरानी पेंशन व्यवस्था से वंचित कर शेयर बाजार पर आधारित नई पेंशन स्कीम एवं यूपीएस (एकीकृत पेंशन) व्यवस्था के अर्न्तगत लाया गया है, जिसमें राष्ट्र एवं कार्मिकों का बिल्कुल भी हित नहीं है।

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नई पेंशन और पुरानी पेंशन व्यवस्था

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पुरानी पेंशन व्यवस्था के अर्न्तगत अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में सेवानिवृत्त कार्मिक को दिया जाता है, जबकि नई पेंशन व्यवस्था में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों एवं कर्मचारियों के 40 प्रतिशत लाभांश के अनुसार पेंशन दी जाती है। एनपीएस के अंतर्गत सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों कर्मचारियों एवं अधिकारियों को पेंशन के नाम पर मात्र 800/-, 1250/-, 1800/- एवं 3157/ आदि मासिक पेंशन के रूप में मिल रहे है।

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लोकसभा के सदन में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को रखा जाएगा।

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उदाहरण स्वरूप राजा ज्वाला प्रसाद आर्य इण्टर कालेज, बिजनौर से सेवानिवृत्त होने वाले धनश्याम सिंह का अंतिम वेतन लगभग रू0 82,000/- था। जिन्हे मासिक पेंशन के रू0 में आज 315 की धनराशि मिल रही है, ऐसे देश में हजारों उदाहरण है। नई पेंशन व्यवस्था के प्रति देश के शिक्षकों एवं कर्मचारियों में अन्यन्त रोष व्याप्त है। देश के 75 लाख से अधिक शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारी एवं अर्द्ध सैनिक बलो के सैनिक के सैनिकों के भविष्य की आर्थिक सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, आगामी लोकसभा के सदन में पुरानी पेंशन बहाली के मुददें को सदन की पटल पर रखा जाए।

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