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Moradabad: ठाकुरद्वारा में डॉक्टरों की लापरवाही से जच्चा की मौत मासूम ने जन्म लेते ही खो दी मां अस्पताल में हंगामा

Moradabad: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद कोतवाली ठाकुरद्वारा क्षेत्र स्थित एसएमआर हॉस्पिटल से इंसानियत को झकझोर देने वाली दर्दनाक खबर सामने आई है। डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों की कथित लापरवाही के चलते एक नवविवाहित महिला की मौत हो गई।

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Abdul Wajid
वाईबीएन

ठाकुरद्वारा Photograph: (Moradabad)

मुरादाबाद वाईबीएन संवाददाता l  उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद कोतवाली ठाकुरद्वारा क्षेत्र स्थित एसएमआर हॉस्पिटल से इंसानियत को झकझोर देने वाली दर्दनाक खबर सामने आई है। डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों की कथित लापरवाही के चलते एक नवविवाहित महिला की मौत हो गई। इस मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और गुस्से में आकर डॉक्टरों और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह स्थिति को संभाला और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी।

ऑपरेशन के बाद रेखा की हालत बिगड़ने लगी

मृतका का नाम रेखा था, जो ठाकुरद्वारा क्षेत्र के पिलकपुर गांव की रहने वाली थी। दो साल पहले उसकी शादी पंडितपुर गांव निवासी दुर्वेश उर्फ दुर्गा से हुई थी। गर्भवती होने पर प्रसव पीड़ा के कारण परिजन उसे एसएमआर हॉस्पिटल लेकर आए। यहां डॉक्टरों ने सामान्य डिलीवरी की जगह ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। ऑपरेशन के बाद रेखा की हालत बिगड़ने लगी लेकिन परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों और स्टाफ ने बार-बार बुलाने के बावजूद मरीज को देखने की ज़हमत तक नहीं उठाई। आखिरकार इलाज के अभाव में रेखा ने दम तोड़ दिया। रेखा की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। सबसे दर्दनाक पहलू यह रहा कि जिस मासूम बच्ची ने अभी इस दुनिया में आंख भी नहीं खोली थी, उसने जन्म लेते ही अपनी मां को खो दिया।

परिजनों का कहना है कि यह सीधे-सीधे डॉक्टरों की घोर लापरवाही का नतीजा है। घटना की खबर फैलते ही ग्रामीणों और परिजनों का गुस्सा अस्पताल में फूट पड़ा। देखते ही देखते भीड़ ने अस्पताल का घेराव कर लिया और जमकर हंगामा किया। लोगों का कहना था कि अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही ने एक घर को उजाड़ दिया है। बढ़ते हंगामे के बीच मौके पर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। पुलिस ने आक्रोशित भीड़ को समझाकर शांत कराया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।परिजनों का साफ आरोप है कि अगर डॉक्टरों ने समय रहते इलाज किया होता तो रेखा की जान बच सकती थी। उनका कहना है कि यह केवल लापरवाही नहीं बल्कि हत्या के बराबर है और इसके लिए अस्पताल प्रशासन जिम्मेदार है।इस घटना के बाद इलाके में गुस्से का माहौल है।लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर प्राइवेट अस्पतालों में कब तक लापरवाही के नाम पर मरीजों की जान ली जाती रहेगी और क्या इंसानी जिंदगी से ज्यादा पैसे कमाना ही डॉक्टरों की प्राथमिकता बन चुका है।रेखा के पति दुर्गेश उर्फ दुर्गा ने कहा कि उनकी पत्नी ऑपरेशन के बाद बार-बार दर्द से तड़पती रही लेकिन डॉक्टरों ने उसे देखने की कोशिश तक नहीं की। 

अगर सही समय पर इलाज होता तो वह आज जिंदा होती। वहीं मृतका की सास लज्जा देवी का कहना है कि उनकी बहू की मौत ने पूरे परिवार को तोड़ दिया है। अब नवजात बच्ची अपनी मां के बिना कैसे बड़ी होगी पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और अगर लापरवाही साबित होती है तो अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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