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कटघर थाना क्षेत्र के पंडित नंगला बाईपास पर स्थित NRE वेस्ट कंपनी में खुलेआम ई कचरा जलाया जा रहा है, जिससे आस-पास के लोगों का जीना मुहाल हो गया है। लोग इसके लिए केवल मुरादाबाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) के क्षेत्रीय अधिकारी को दोषी ठहराते हैं। उनका कहना है कि ई कचरा को बंद करने के लिए पीसीबी ने कभी ठोस पहल की ही नहीं।
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ई-कचरा का हब बना पंडित नंगला और भोजपुर
पंडित नगला रोड सिरसा इनायतपुर क्षेत्र और भोजपुर में ई कचरा जलाने वाली फैक्ट्रियों की भरमार है, जो ई कचरा को तो जलाते हैं। इसके अलावा इन फैक्ट्रियों से जो केमिलकयुक्त खतरनाक पानी निकलता है। उसे आस-पास छोड़ दिया जाता है। इसलिए ई कचरा जलने से जहां एक ओर जहरीला धुंआ पर्यावरण की आबोहवा को दूषित कर रहा है, वहीं दूसरी ओर केमिकलयुक्त रासायनिक जल से खेत-खलिहान पर असर पड़ रहा है। ऐसा नहीं कि इस बारे में पीसीबी आरओ को पता नहीं है। सबकुछ पता है। मगर वह इन ई कचरा फैक्ट्रियों पर क्यों मेहरबान हैं? बेहतर तो वह ही जानें।
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पूरे शहर में पनप रहे हैं ई कचरा माफिया
मुरादाबाद जनपद ही नहीं बल्कि आस पास के जिलो में भी फैले हुए हैं, जो ई-कचरा का निस्तारण वैज्ञानिक पद्धित से ना करके। वह या तो खुले आसमान तले जला देते हैं अथवा खुले में फेंक देते हैं। यहीं नहीं इन फैक्ट्रियों में ई - कचरे से केमिकल और तेजाब द्वारा धातु निकाली जा रही है। उसके बाद केमिकल और तेजाब को फैक्ट्री के पीछे खेतों में छोड़ दिया जाता है।
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पाराली जलाने पर कार्रवाई तो ई-कचरा फैक्ट्रियों पर क्यों नहीं: चौधरी हरपाल सिंह
भाकियू(असली)राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह ने कहा कि आज किसान अगर खेत में पराली जला देता है तो उस पर प्रशासन की तरफ से कार्रवाई कर दी जाती है। पंडित नंगला बाईपास,रामगंगा नदी के तटवर्ती क्षेत्र और भोजपुर में लगातार ई -कचरे की फैक्ट्रियों से जहरीला धुआं और जहरीला पानी लगातार निकल रहा है। अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। वहां की आबादी कैंसर और भी ना जाने कितनी गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रही है। जमीनें बंजर हो रही हैं। अधिकारियों को मोटी आमदनी हो रही है। इसलिए इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
आप से क्या मतलब : आरओ
मुरादाबाद की खराब हो रही आबोहवा के बारे में पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी (आरओ) आशुतोष चौहान से पूछा गया तो उनका जवाब काफी लापरवाही भरा था। उन्होंने कहा कि आप से क्या मतलब? चाहे जमीन बंजर हो या गलत तरीके ई-कचरा फैक्ट्रियां रासायनिक जल की निकासी करें। आप कौन होते हैं पूछने वाले। बहरहाल उनके इस बयान यह साफ जाहिर है उन्होंने शासन में कोई मजबूत स्तंभ पकड़ रखा है। इस वजह से इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।