मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद गन्ना बेल्ट के नाम से जाना जाता है। साथ ही यहां पर पीतल के उत्पाद भी बड़े पैमाने पर बनाए जाते हैं। अब किसानों ने गन्ने की खेती से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है। किसान अब मोती की खेती की तरफ अग्रसर हो रहे हैं।इस खेती को करने से किसान जल्द ही मालामाल हो सकते हैं। इस खेती को करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने किसानों को जागरूक करना शुरू कर दिया है।
कारोबार शुरू करने के लिए सरकार दे रही 50 लाख
किसानों को मोती की खेती करने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत सरकार किसानों को छूट दे रही है। पोखरा तैयार करने और सीप पालन के लिए 50 लाख रुपये तक का ऋण दे रही है। जिसमें 50 प्रतिशत की छूट है।
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ऐसे कर सकते हैं मोती की खेती, किसानों की होगी बल्ले बल्ले
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस खेती को करने के लिए बड़े बड़े प्लास्टिक के टैंक होते हैं। जिन टैंकों में 4 से 5 फीट पानी भरना होता है, उसके चारों ओर एक रस्सी बांधनी होती है और रस्सी के ऊपर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर शीप लटका दी जाती है। इस मोती पर ओम (ॐ) का डिजाइन या 786 का डिजाइन तैयारी करते समय लगा दिया जाता है, और जब इस मोती को बाजार में ले जाया जाता है, तो उस मोती की अच्छी कीमत मिलती है।
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कृषि वैज्ञानिक डॉ दीपक मेहंदीरत्ता ने बताया कि मुरादाबाद के किसान मोती की खेती कर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। मोती के लिए जो किसान खुले तालाब में मछली पाल रहे हैं। उसी तालाब के अंदर मोती की भी खेती कर सकते हैं। डिजाइनर मोती की मांग ज्यादा बढ़ रही है,मोती की खेती कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है,क्योंकि मार्केट में डिजाइनर मोती ओर सादे मोती भी बिक रहे है और हमारे देश से इन मोतियों को विदेशों में भी एक्सपोर्ट किया जा रहा है।
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