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प्रदर्शन करते हुए किसान।
मुरादाबाद में शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी मुरादाबाद को सौंपा है। ज्ञापन में कहा गया है कि देश का किसान अपनी फसलों के वाजिब दाम और न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) की गांरटी मांगों को लेकर दिल्ली में केंद्र सरकार के सामने संघर्ष कर रहा है। देश के दो बड़े किसान गुटों सहित कुछ जत्थेबन्दियों हरियाणा व पंजाब बॉर्डरों शम्भू व खनौरी बॉर्डर पर पिछले 13 माह से शान्तिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन कर रहे थे।
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केंद्र सरकार के रवैये से नाखुश है भाकियू
केन्द्र सरकार किसानों से सभी विषयों को लेकर वार्ता कर रही थी,लेकिन बीते 19 मार्च को जब किसान संगठन व सरकार के बीच वार्ता समाप्त हुई तो उसके पश्चात वापस अपने मोर्चों पर लौट रहे किसान संगठनों के नेताओं को पंजाब सरकार के द्वारा गिरफ्तार किया कर लिया गया और दोनों मोर्चों को प्रशासन के द्वारा तानाशाही रवैये से हटाया गया। वहां मौजूद बुजुर्ग किसानों व महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया, जिससे देशभर के किसानों में रोष की स्थिति व्याप्त हुई है। यह घटना किसानों अधिकारों का हनन है, क्योंकि हमें 'राईट टू प्रोटेस्ट' अधिकार है।
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