मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाता।सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दी जा रही दर्द निवारक दवा आईब्रूफेन (Ibuprofen) की गुणवत्ता पर अब सवाल उठने लगे हैं। दरअसल, मुरादाबाद जिले के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) विभाग द्वारा लिए गए सैंपल की लखनऊ स्थित लैब में जांच में यह दवा मानक पर खरी नहीं उतर सकी।
आईब्रूफेन टैबलेट का सैंपल जांच में फेल घोषित
मिली जानकारी के अनुसार FSDA की टीम ने 20 मई 2025 को मुरादाबाद के जिला अस्पताल से आईब्रूफेन टैबलेट का सैंपल जांच के लिए भेजा था। अब जून के तीसरे सप्ताह में आई लैब रिपोर्ट में यह दवा फेल घोषित कर दी गई है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जांच रिपोर्ट आने से पहले ही अस्पताल में यह दवा पूरी तरह वितरित हो चुकी है। अनुमान है कि करीब 75,000 टैबलेट मरीजों को बांटी जा चुकी हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि, "आईब्रूफेन एक सामान्य लेकिन असरदार दर्द निवारक दवा है जो बुखार और बदन दर्द में दी जाती है। इस दवा के फेल होने का मतलब है कि यह या तो असरहीन रही या फिर इसके घटक तय मानक से मेल नहीं खाते।
अब क्या कार्रवाई होगी?
खाद्य सुरक्षा और औषधि विभाग अब दवा निर्माता कंपनी को नोटिस भेजने की तैयारी में है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग भी इस मामले में अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहा है। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस दवा की अन्य खेपें किन-किन अस्पतालों में भेजी गई थीं और क्या वहां भी यही दवा वितरित की गई।
मरीजों को खतरा?
हालांकि अब तक किसी मरीज में इस दवा से गंभीर प्रतिक्रिया की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि गुणवत्ता विहीन दवाओं के सेवन से लाभ की बजाय नुकसान ज्यादा होता है। इससे संक्रमण, एलर्जी या गंभीर दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दवा राजकीय मेडिकल स्टोर डिपो (जीएमएसडी) से प्राप्त की गई थी और वितरण के समय इसकी एक्सपायरी डेट और पैकिंग सही थी। अब विभागीय स्तर पर निर्देश मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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