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Photograph: (moradabad)
मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाता।दुनिया भर में अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलवाने वाले मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीए) के अधिकारी अपने ही कार्यालय के सामने खड़े अवैध ढाबे को देखने में नाकाम रहे। यह निर्माण पिछले एक साल से जारी था, लेकिन न तो किसी ने टोका, न किसी ने रोका। और न ही एक बार भी यह सवाल उठा कि बिना नक्शा पास कराए आखिर कैसे एक होटलनुमा ढाबा तैयार हो गया?
एमडीए वीसी की विंडो के ठीक सामने बना अवैध ढांचा
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि यह ढाबा एमडीए कार्यालय के ठीक सामने, उसी सड़क पर बना है जहां से वीसी (उपाध्यक्ष) की गाड़ी रोज आती-जाती है। यही नहीं, ढाबा उसी दिशा में बना है जिस तरफ वीसी के केबिन की खिड़की खुलती है। अगर खिड़की का पर्दा भी एक बार हटाया गया होता, तो ढाबे की पूरी तस्वीर सामने होती।
ढाबा बनने तक आंखें मूंदे रहे एमडीए के अफसर
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, इस ढाबे का निर्माण करीब एक साल से जारी था। इस दौरान हॉल, कमरे और अन्य ढांचा खड़ा किया गया, लेकिन एमडीए की निगरानी टीम ने न तो कभी निरीक्षण किया और न ही कार्रवाई। यह सवाल उठता है कि जिन अफसरों की नज़रें शहर भर में चल रहे छोटे-मोटे निर्माणों पर पैनी रहती हैं, उन्हें अपने ही दफ्तर के सामने बन रहा ये निर्माण क्यों नहीं दिखा?
एमडीए में तैनात हर कर्मचारी और अधिकारी इसी गेट से दफ्तर आता-जाता है, जिसके सामने यह अवैध निर्माण हुआ है। फिर भी पूरे साल आंखें मूंदे रहना सिर्फ अनदेखी नहीं, बल्कि मिलीभगत की आशंका को भी जन्म देता है। फिलहाल इस पूरे मामले पर एमडीए के अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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