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Moradabad: पश्चिम बंगाल में हिंदू समाज पर बढ़ते हमले, मंदिरों मे तोड़फोड़

Moradabad: पश्चिम बंगाल में हिंदू समाज पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ बिलारी क्षेत्र के नागरिकों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। यह ज्ञापन उपजिलाधिकारी बिलारी के माध्यम से भेजा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में लगातार हिंदू समाज अत्याचार

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Anupam Singh
वाईबीएन

हिंदू समाज पर हिंसा Photograph: (MORADABAD )

मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।  पश्चिम बंगाल में हिंदू समाज पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ बिलारी क्षेत्र के नागरिकों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। यह ज्ञापन उपजिलाधिकारी बिलारी के माध्यम से भेजा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में हिंदुओं के साथ लगातार हिंसा और भेदभाव हो रहा है। वहां की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ चुकी है और प्रशासन कुछ नहीं कर पा रहा है।

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धार्मिक स्वतंत्रता पर बड़े सवाल

पश्चिम बंगाल में हाल के दिनों में एक के बाद एक ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जिन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था, प्रशासन की निष्क्रियता और धार्मिक स्वतंत्रता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर हिंदू समाज को निशाना बनाकर हो रही हिंसा ने सोशल मीडिया से लेकर संसद तक हलचल मचा दी है।

रामनवमी और हनुमान जयंती के अवसर पर हमले

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1. मार्च और अप्रैल 2024-25 में रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर राज्य के कई जिलों—हावड़ा, बीरभूम, मुर्शिदाबाद, उत्तर 24 परगना में निकाली गई शोभायात्राएं हिंसा की चपेट में आ गईं। तलवारें, पेट्रोल बम, पत्थर और फिर मंदिरों में तोड़फोड़ कर धार्मिक नारों का अपमान किया गया। क्या ये महज़ इत्तेफाक है या फिर कुछ और?

2. शमशेरगंज में पूजा कर रहे परिवार पर हमला12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज में एक हिंदू परिवार पर हमला हुआ। हमलावरों ने घर में घुसकर महिलाओं से बदसलूकी की और सामान तहस-नहस कर डाला। लेकिन पुलिस? सिर्फ कागजी कार्रवाई कर मामले को ‘शांतिपूर्ण  निपटने की कोशिश की ।

3. वक्फ संपत्ति विवाद में पिता-पुत्र की हत्या

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12 अप्रैल यानि उसी दिन जाफराबाद गांव में उन्मादी भीड़ ने हरगोबिंद दास (72) और उनके बेटे चंदन दास (40) को बेरहमी से मार डाला। धारदार हथियार, लाठी-डंडे, और भीड़ का तांडव—सब कुछ हुआ, लेकिन प्रशासन मौन रहा।

4. पलायन – जब अपना ही घर पराया लगे

मालदा, बसीरहाट और मुर्शिदाबाद के कई हिंदू परिवार अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। नतीजा ये निकल की सैकड़ों परिवारों ने अपना घर छोड़ दिया।

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5. प्रशासनिक पक्षपात और तुष्टीकरण का खेल?

स्थानीय लोगों का आरोप है की शिकायत दर्ज नहीं होती, और उल्टे हिंदू युवकों को ही गिरफ्तार किया जाता है। सवाल ये है कि जब कानून ही निष्क्रिय हो जाए, तो न्याय कहां से मिलेगा?

क्या कहता है संविधान?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 – सबके लिए समानता , अनुच्छेद 21 – जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार, अनुच्छेद 25 – धार्मिक स्वतंत्रता ,अनुच्छेद 19 – अभिव्यक्ति की आज़ादी ,अनुच्छेद 355 – राज्य में संविधानिक शासन सुनिश्चित करने की केंद्र की जिम्मेदारी है। । 
 कि वह राज्य में संविधान के अनुसार शासन सुनिश्चित करे। 

हमारी विनम्र माँगें 


1. न्यायिक जांच हो


2. पीड़ितों को मुआवजा और पुनर्वास


3. लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई


4. राष्ट्रपति शासन लागू करने पर विचार


5. सांप्रदायिक हिंसा मॉनिटरिंग कमीशन की स्थापना

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