Moradabad: सपा के निशाने पर रहे इंस्पेक्टर आरपी शर्मा सस्पेंड, डीआईजी मुनिराज ने की सीधी कार्रवाई
Moradabad: कुंदरकी विधानसभा सीट पर हाल ही में हुए उपचुनाव के दौरान विवादों में आए इंस्पेक्टर आरपी शर्मा को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई मुरादाबाद रेंज के डीआईजी मुनिराज जी ने सीधे तौर पर की है।
डीआईजी मुनिराज जी ने सीधे तौर पर की करवाई Photograph: (Moradabad)
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कुंदरकी विधानसभा सीट पर हाल ही में हुए उपचुनाव के दौरान विवादों में आए इंस्पेक्टर आरपी शर्मा को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई मुरादाबाद रेंज के डीआईजी मुनिराज जी ने सीधे तौर पर की है। यह रेंज में दो दशक बाद ऐसा मामला है जब डीआईजी स्तर से सीधे किसी थाना प्रभारी को सस्पेंड किया गया हो।
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सपा समर्थकों को धमकाया और भाजपा के पक्ष में फर्जी वोटिंग कराई
इंस्पेक्टर आरपी शर्मा Photograph: (Moradabad)
आरपी शर्मा उस समय मूंढापांडे थाने के प्रभारी थे जब कुंदरकी उपचुनाव हुआ। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशी हाजी रिजवान ने उन पर आरोप लगाया था कि वे भाजपा के पोलिंग एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। यही नहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे को उठाया था और कुछ वीडियो ट्वीट कर इंस्पेक्टर की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे। आरोप थे कि शर्मा ने सपा समर्थकों को धमकाया और भाजपा के पक्ष में फर्जी वोटिंग कराई। इन दिनों आरपी शर्मा मुरादाबाद शहर के मझोला थाना क्षेत्र में बतौर प्रभारी तैनात थे। उनके खिलाफ एक अन्य गंभीर लापरवाही के मामले में कार्रवाई हुई है। डीआईजी कार्यालय में 28 मई को दान सहाय की मिलक शाहपुर तिगरी निवासी एक युवती ने शिकायत की थी कि ओमकार नामक युवक ने शादी का झांसा देकर नशीला पदार्थ पिलाकर उसके साथ बलात्कार किया और फिर शादी से इनकार कर दिया।
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डीआईजी ने इस मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज करने के निर्देश थाना मझोला प्रभारी को दिए थे, लेकिन इंस्पेक्टर शर्मा ने एफआईआर दर्ज नहीं की। पीड़िता को अगली सुबह दोबारा डीआईजी कार्यालय आना पड़ा, जिसके बाद रिपोर्ट लिखी गई। इस लापरवाही को अनुशासनहीनता मानते हुए डीआईजी ने एसपी ट्रैफिक को जांच सौंपी थी। जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद शुक्रवार को इंस्पेक्टर आरपी शर्मा को निलंबित कर दिया गया। यह मामला पुलिस प्रशासन में जवाबदेही और राजनीतिक निष्पक्षता को लेकर एक अहम संकेत माना जा रहा है। अब देखना यह है कि इस कार्रवाई के बाद अन्य मामलों में भी पुलिस अफसरों की जवाबदेही तय की जाएगी या नहीं।