मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।
बार एसोसिएशन व लाइब्रेरी मुरादाबाद के अध्यक्ष प्रदीप सिंह के नेतृत्व में एडवोकेट अवमेडमेंट बिल वापस कराये जाने को लेकर अधिवक्ताओं ने जिला अधिकारी को 6 सूत्रीय ज्ञापन सौपा। उन्होंने कहा कि बिल वापस नहीं होने पर पूरे देश में लड़ाई लड़ने की रणनीति पर विचार किया जाएगा। बिल वापस करि कर ही रहेंगे।विधि का शासन बनाए रखने के लिए निर्भीक एवं स्वतंत्र न्याय के तंत्र का होना आवश्यक है।अधिवक्ता न्याय के रथ का पहिया माना जाता है। बाबा साहब अंबेडकर ने संवैधानिक उपचारों को संविधान की आत्मा माना था। इन उपचारों की परिकल्पना अधिवक्ताओं के बगैर संभव नहीं है।
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अधिवक्ता की समस्या का जल्द हो समाधान
प्रदीप सिन्हा ने कहा कि नीति निर्देशक तत्वों में राज्य का कर्तव्य है कि वह व्यवस्थिपाका को न्यायपालिका से अलग रखने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।उन्होंने कहां की ऐसा लगता है कि अधिवक्ता अधिनियम संशोधन संविधान के इसी आधारभूत संरचना पर हमला करने की नीयत से लाये गए हैं, जिसे अधिवक्ता बर्दाश्त नहीं करेंगे। कहा की इस काले कानून के विरोध में पूरे देश की अधिवक्ता लामबंद हो चुके हैं। संशोधन आम जनता न्याय की आप को भी धूल दुश्रित कर देगा। न्याय हित जन हित में हमारी मांगे माननी ही पड़ेगी।
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यह लोग रहे उपस्थित
इस मौके पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमाल अख्तर, उपाध्यक्ष बचन सिंह, मुजम्मिल खान, त्रिलोक सिंह दिवाकर, नवाज इंतेजार, पुष्प कुमार यादव, जरीफ अहमद, आदिश कुमार जैन, अरविंद कुमार सक्सेना, विजेंद्र सिंह, राजकुमार गौतम, सैयद हुसैन हैदर नकबी, मयंक शर्मा, मोहम्मद तालिब, शाइस्ता परवीन, सुगंधा सैनी, तारा सिंह, अशोक कुमार सक्सेना, अभय कुमार सिंह, आदि अधिवक्ता गण मौजूद रहे।
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