महावीर जयंती आज, जानें मुरादाबाद के जैन मंदिरों के बारे में, क्या है महत्ता ?
महावीर जयंती देश भर में आज पूरे उत्साह के साथ मनाई जाएगी। अपने आराध्य के जन्मदिवस की खुशी में मुरादाबाद के जैन मंदिर सज गए है, आइये जानते हैं, मुरादाबाद के जैन मंदिरों के बारे में।
महावीर जयंती देश भर में आज पूरे उत्साह के साथ मनाई जाएगी। अपने आराध्य के जन्मदिवस की खुशी में मुरादाबाद के जैन मंदिर सज गए है। कल पूरे उत्साह के वातावरण में जैन समुदाय महावीर जयंती के अवसर शोभायात्रा निकालेगा, जिसमे पूरा शहर शामिल होगा। मगर उससे हम आपको जैन धर्म प्रवर्तक श्वेताम्बर और दिगंबर कैसे मनाते हैं महावीर जयंती। साथ ही मुरादाबाद के जैन मंदिरों की क्या है महत्ता ? इसके बारें में विस्तार से बता रहे हैं।
श्री सुमतिनाथ भगवान जैन मंदिर: शहर में सुंदर श्वेतांबर जैन मंदिर इस मंदिर का रख-रखाव मुरादाबाद के जैन लोगों द्वारा अच्छी तरह से किया जाता है। यह मंदिर शहर के मुख्य मार्ग सिविल लाइंस में स्थित है।
सुमतिनाथ जैन मंदिर Photograph: (moradabad )
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जैन मंदिर दिल्ली रोड: यह मुरादाबाद का प्रसिद्ध जैन मंदिर है, जो दिल्ली रोड पर बना हुआ है। यहां जैन धर्म के लोग पूजा अर्चना करते है।
जैन मंदिर Photograph: (moradabad )
श्री पार्श्व नाथ दिगंबर जैन मंदिर: यह मंदिर रामगंगा नदी पर स्थित है। जैन धर्म के 23वे तीर्थकर भगवान पार्श्व नाथ को समर्पित एक महत्वपूर्ण मंदिर है। भगवान पार्श्व नाथ राजा अश्वसेन के पुत्र थे और उनका जन्म वाराणसी में हुआ था।
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पार्श्व नाथ जैन मंदिर Photograph: (moradabad )
टी एम यू जिनालय: मुरादाबाद के बागड़पुर गाँव मे बना हुआ है। और टीएम यू के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर को श्री 1008 तीर्थकर महावीर जिनालय के नाम से भी जाना जाता है।
टी एम यू जिनालय Photograph: (moradabad )
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महावीर जयंती क्यों मनाई जाती है
महावीर जयंती भगवान महावीर के जन्म की जयंती के रूप में मनाई जाती है,जो जैन धर्म के अनुयायी के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन, जैन धर्म के अनुयायी भगवान महावीर की शिक्षाओ को याद करते है। और उनकी पूजा करते है।
महावीर जयंती पर क्या होताहै
महावीर जयंती पर जैन धर्म के अनुयायी विभिन्न गतिविधियों में भाग लेते है,और हर्ष उल्लास से त्योहार के रूप में मनाते है।
1. पूजा और आरती: जैन धर्म के अनुयायी भगवान महावीर की पूजा और आरती करते है।
2. संगीत और नृत्य: जैन धर्म के अनुयायी संगीत और नृत्य के माध्यम से भगवान महावीर की जयंती मनाते है।
3. भोजन और प्रसाद: जैन धर्म के अनुयायी भोजन और प्रसाद का वितरण करते है।
4. सामाजिक सेवा: जैन धर्म के अनुयायी जुलूस और शोभायात्रा निकालते है।
आइए जाने वर्धमान कैसे बने स्वामी महावीर?
भगवान महावीर स्वामी का जन्म बज्जि गणराज्य के राजा सिद्धार्थ के यहां ईसा से 599 वर्ष पूर्व हुआ था, इनकी माता का नाम त्रिशाला था.भगवान महावीर स्वामी का जन्म कुंडग्राम में हुआ था, जो वर्तमान में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में पड़ता है.राजा सिद्धार्थ के घर वर्धमान के पैदा होते ही राज्य में सुख सम्पन्नता बढ़ गई.वर्धमान ने 30 वर्ष की आयु में संसार से विरक्त हो कर राज वैभव त्याग दिया और सन्यास धारण कर आत्म कल्याण के पथ पर निकल गए.इन्होंने राजसी सुख-सुविधा का त्याग कर दिया.करीब 12 वर्ष की कठोर तप के बाद 42 वर्ष की आयु में रिजुपालिका नदी के तट पर जंभिका ग्राम में एक साल के वृक्ष के नीचे वर्धमान को ज्ञान प्राप्त हुआ और महावीर कहलाये
क्या है स्वामी महावीर का पंच सिद्धांत?
भगवान महावीर ने लोगो को समृद्ध जीवन और आंतरिक शांति पाने के लिए पाँच सिद्धांत बताए थे.इन्ही को महावीर का पंच सिद्धांत कहा जाता है।
अहिंसा- इस सिद्धांत में उन्होंने जैन लोगो को हर परिस्थिति में हिंसा से दूर रहने का संदेश दिया है.उन्होंने बताया कि भूल कर भी किसी को कष्ट नहीं पहुंचना चाहिए.
सत्य- भगवान महावीर कहते है,हे पुरुष तू सत्य को ही सच्चा तत्व समझ.जो बुद्धिमान सत्य के साथ रहता है। वह जगत में अपनी जगह बना लेटा है। और लोगो को सत्य बोलने के लिए प्रेरित किया
अस्तेय- इस सिद्धांत का पालन करने वाले किसी भी रूप में अपने मन के मुताबिक वस्तु ग्रहण नहीं करते है। ऐसे लोग जीवन में हमेशा संयम से रहते है।
ब्रह्मचर्य- इस सिद्धांत को अपनाने के लिए जैन लोगो को पवित्रता और संयम के गुणों का पालन करना होता है, जिसमे में वह किसी भी प्रकार की कामुक गतिविधि से दूर रहता है।
अपरिग्रह- इसका अभ्यास करने से जैनो की आत्मिकता चेतना विकसित होती है। और वह दुनिया की भौतिक वस्तुओ तथा भोग विलास से दूरी बना लेते है।
राजीव जैन (महासचिव, जैन समाज) Photograph: (moradabad )
श्वेताम्बर जैन समाज के महासचिव राजीव जैन ने बताया इस बार भी महावीर स्वामी के जन्मोत्सव हर्षोल्लास से मनाया जायेगा। शोभा यात्रा सुबह 8:30 से निकल सभी जैन मंदिर होते हुए पंचायत भवन पहुचेगी और महावीर स्वामी का जलाभिषेक कराया जायेगा ।
जानें जयंती पर आज क्या रहेगा खास ?
मुरादाबाद शहर में धूम-धाम से मनाई जाएगी। महावीर जयंती 10 अप्रैल को शहर के जैन मंदिरों से महावीर जी की रथयात्रा निकाली जाएगी। शोभायात्रा मंडी चौक जैन मंदिर से 8:30 बजे से शुरू हो कर सभी मंदिरों से होती हुई पंचायत भवन 1:30 बजे पहुचेगी। वहां शांति धारा में जलाभिषेक किया जाएगा। माना जाता है कि शहर के महावीर के प्रवर्तक मुनि महाराज पैदल चलते है। दिन में एक बार आहार लेते है और एक बार पानी पीते है और नग्न अवस्था में तपस्या करते है।
महावीर जयंती जैन धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो भगवान महावीर के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। भगवान महावीर जैन धर्म के 24 वें तीर्थकर थे,जिन्होंने जैन धर्म के संदेश को फैलाया और लोगों को आत्मशुद्धि और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।