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प्रकाश नगर निवासी अरुण कुमार के घर में लगा यह हैंडपंप सूख गया है।
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प्रकाश नगर निवासी अरुण कुमार के घर में लगा यह हैंडपंप सूख गया है।
मुरादाबाद के लिए जिसकी कल्पना भी नहीं की गई थी, आखिर वही हुआ। जीवनदायनी गंगा और रामगंगा नदियों के मध्य बसे मुरादाबाद शहर का भूगर्भीय जल पिछले कुछ वर्षों में इतनी तेजी से गिरा। यहां के घरों में लगे हैंडपंप सूखने लगे हैं। अब उनमे पानी नहीं आ रहा है। घरों में लगे हैंडपंप केवल-शो पीस बनकर रह गए। अभी तो यह गर्मी की शुरूआत है। जैसे-जैसे गर्मी पड़ेगी। वैसे-वैसे भूगर्भीय जल और नीचे चला जाएगा। भूगर्भीय जल विभाग का कहना है कि अगर ठोस कदम नहीं उठाये गए तो आने वाले समय स्थिति भयावह हो सकती है।
मुरादाबाद जिले की आबादी लगभग 13 लाख है। पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण और औद्योगीकरण ने भूगर्भीय जल पर भारी असर डाला है। फैक्ट्रियों में लगे सबमर्सिबल से लगातार भूगर्भीय जल का दोहन किया जा रहा है। इसके बाद यहां से निकलने वाले रासायनिक जल को नदियों में छोड़ जाता है, जिससे मुरादाबाद का पानी नदियों से होकर कहीं और चला जाता है। इसके अलावा वर्षा जल संचयन की बात तो की जाती है और सरकारी व गैर सरकारी बिल्डिंगों में भी निर्माण के दौरान वर्ष जल संचयन का नक्शा पास होता है। बाद में खर्चा बढ़ने पर वर्षा जल संचयन कार्य नहीं किया जाता है।
मुरादाबाद में गिरते भूगर्भीय जल की वजह से हालात इतने बदतर हो चुके है कि अब घरों में लगे हुए हैंड पम्पों से पानी बिल्कुल आना बंद हो गया है, शहरवासी सरकारी पानी पर ही निर्भर हैं। प्रकाश नगर निवासी अरुण कुमार ने बताया कि पहले जब बोरिंग करवाई थी तो बहुत अच्छा पानी आता था। मगर धीरे-धीरे अब नल से पानी आना बंद गया। मिस्त्री ने बताया, वाटर लेवल बहुत नीचे चला गया है।
लाइनपार मझौला निवासी संजू ने बताया कि उनके यहां लगे हैँडपंप से भी अब पानी नहीं आ रहा है। मिस्त्री ने सलाह दी है, सब मर्सिबल लगा लें तो पानी बेहतर आने लगेगा।
पेयजल और सिंचाई की ज़रूरतों के लिए यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो मुरादाबाद में भविष्य में पीने के पानी का गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अत्यधिक बोरवेल खनन, वर्षा जल का उचित संचयन न होना, और भू-जल पुनर्भरण की कमी इसकी बड़ी वजह है।
आजकल किसान भी खेतों की सिंचाई सबमर्सिबल से ही कर रहे हैं। इसलिए उनके द्यारा भी अवैज्ञानिक तरीके से भूगर्भीय जल का दोहन किया जा रहा है।
वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) को बढ़ावा देना।
अवैध बोरवेल पर कार्रवाई।
सामुदायिक जल पुनर्भरण योजनाओं पर काम।
नाम 2020 2021 2022 2023 2024
मुरादाबाद शहर 10.44 10.05 9.83 9.41 9.09
ठाकुरद्वारा 6.31, 6.19 5.45 4.31 5.97
डीलारी 3.87 3.89 4.12 1.86 5.41
छज्जलैट 9.54 8.59 8.46 6.55 7.48
मूढ़ापांढे 4.18 3.90 4.26 3.73 3.4
मुरादाबाद 7.16 5.58 8.53 4.10 6.63
कुंदरकी 10.73 13.22 13.87 14.09 13.46
बिलारी 14.69 15.25 16.03 14.20 14.81
भगतपुर 6.81 7.25 6.60 4.43 8.04
नोट : यह विवरण भूगर्भीय विभाग की ओर से लिये गये 2020 से 2024 तक के माप पर आधारित है, जो मानसून आने के बाद की रिपोर्ट है।
भूगर्भीय जल विभाग मुरादाबाद के अधिशासी अभियंता गनेश नेगी बताते हैं कि विभाग की ओर से मुरादाबाद के सभी विकास खंडों का भूगर्भीय जल मापा गया है, लगातार गिरता भूगर्भीय जल चिंता का विषय है। इसके बढ़ाने के लिए सभी को प्रयास करने होंगे।
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