कानूनी लड़ाई के दांव पेंच में मुरादाबाद विकास प्राधिकरण आयकर विभाग पर भारी पड़ा। एमडीए केस जीत गया है। अब उसे 100 करोड़ रुपये मिलेगा। जिसका उपयोग वह मुरादाबाद के विकास कार्यों में करेगा। यहां बता दें कि आयकर विभाग ने एमडीए के खाते सीज कर पैसे निकाल लिए थे। मामला कोर्ट तक पहुंचा। एमडीए उपाध्यक्ष की मजबूत पैरवी के चलते ही गुरुवार को कोर्ट ने निर्णय एमडीए के पक्ष में सुनाया। सौ करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि एमडीए को मिलेगी।
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बनाये जाएंगे सड़क-पार्क
उपाध्यक्ष शैलेष कुमार सिंह ने कहा कि उक्त धनराशि महानगर के विकास में प्रयोग की जाएगी। जरूरत के अनुसार सड़क-पार्क बनाए जाएंगे। आयकर विभाग द्वारा आयकर आयुक्त (अपील) के आदेश के विरुद्ध न्यायाधिकरण में पुनरीक्षण दायर किया था। केस से संबंधित सभी मामले वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 तथा 2016-17 के हैं। जिनके अंतर्गत आयकर विभाग द्वारा विकास प्राधिकरण के खाते सीज कर विवादित धनराशि को निकाल लिया था।
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अब इस आदेश के परिणामस्वरूप प्राधिकरण को 100 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि वापस मिलेगी। न्यायाधिकरण द्वारा अपने विस्तृत आदेश में अहमदाबाद विकास प्राधिकरण बनाम सहायक आयुक्त (आयकर) के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गई 2022 की व्यवस्था सहित, लखनऊ विकास प्राधिकरण, यमुना प्राधिकरण आदि के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेशों की व्यवस्था के आधार पर विस्तृत विवेचना की गई है।
वीसी ने लीगल सेल प्रभारी को दी बधाई
एमडीए उपाध्यक्ष शैलेष कुमार ने बताया कि विगत 2 वर्षों से मामले में कुशल अधिवक्तागणों के माध्यम से प्रभावी पैरवी किए जाने से यह सफलता हासिल हुई है। इसके लिए प्राधिकरण के लीगल सेल प्रभारी तथा मुख्य लेखाधिकारी जय प्रकाश की विशेष रूप से प्रशंसा भी की गई।