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Photograph: (moradabad)
मुरादाबाद वाईबीएन संवाददाता l मुरादाबाद में सिविल लाइंस में स्थित जिला अस्पताल के सारी वार्ड में आईसीयू के लिए पांच बेड आरक्षित कर दिए गए हैं। वेंटिलेटर की सुविधा वाले इस वार्ड को मिनी आईसीयू नाम दिया गया है। आईसीयू के उपकरणों के संचालन का प्रशिक्षण प्राप्त कर जिला अस्पताल की टीएम केजीएमयू लखनऊ से लौटी है।
हर छह माह में दो प्रशिक्षु डॉक्टरों के आने से 24 घंटे डॉक्टर तैनात रहेंगे
आईसीयू के संचालन की जिम्मेदारी डॉ. सुरेंद्र पाल सिंह समेत तीन नर्सिंग स्टाफ की टीम को दी गई है। कोरोना काल से अस्पताल में रखे वेंटिलेटर का अब इस्तेमाल हो सकेगा। सांस के गंभीर मरीजों को सी-पैप के जरिए उपचार दिया जा सकेगा। इस तकनीक को नॉन इनवेसिव वेंटिलेशन कहा जाता है। इसे गंभीर मरीजों को मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर करना नहीं पड़ेगा। जिला अस्पताल को मेडिसिन विषय में डीएनबी पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति भी मिल गई है। अगले वर्ष दो प्रशिक्षु डॉक्टर यहां पढ़ने के लिए आएंगे। इन डॉक्टरों की ट्रेनिंग के लिए भी आईसीयू अनिवार्य है। हर छह माह में दो प्रशिक्षु डॉक्टरों के आने से 24 घंटे डॉक्टर तैनात रहेंगे। मरीजों की बेहतर मॉनिटरिंग हो सकेगी।
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि भविष्य में 10 बेड का आईसीयू संचालित करने की योजना है। फिलहाल सारी वार्ड में पांच बेड वेंटिलेटर सपोर्ट वाले हैं। कोरोना काल में अस्पताल को मिलीं सी-पैप व एचएफएनसी मशीनें भी सुरक्षित रखी हैं। स्टाफ के प्रशिक्षित होने के बाद अब इनका उपयोग मरीजों के उपचार में किया जा सकेगा। हालांकि मरीज की सांस की नली में पाइप डालकर वेंटिलेशन देने की सुविधा अब भी नहीं मिल पाएगी। इसके लिए अस्पताल को आईसीयू के विशेषज्ञ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत होगी।
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