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डीडी कृषि बोले, मोटे अनाज की खेती के लिए सरकार चला रही है अभियान
कृषि विभाग जिले के ठाकुरद्वारा, बिलारी और कांठ ब्लॉक स्थित अपने केंद्र में किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है। मोटे अनाज किसानों की आमदनी बेहतर करेंगे। मिलेट्स की खेती में लागत कम है और फायदे अधिक हैं। यह संकल्प किसानों की आमदनी बढ़ाने का बड़ा आधार है। इन बातों की चर्चा के साथ कृषि विभाग किसानों से संवाद स्थापित करने में जुट गया है। कृषि विभाग जिले के ठाकुरद्वारा, बिलारी और कांठ ब्लॉक स्थित अपने केंद्र में किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है।
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यह बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से फ्री मोटे अनाजों के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कुछ दिन पहले यहां कृषि मेले में विभाग की ओर से किसानों को मोटे अनाज की खेती के गुर और उसके व्यापक फायदे बताए गए। कृषि विज्ञान केंद्र नगीना की प्रभारी अधिकारी डॉ. शकुंतला गुप्ता ने सरकार के ऐलान और इस खेती के विभाीगय अभियानों की चर्चा की। कृषि विभाग बाजरा, कोदो, सवां, कंगनी, चेना और जौ की खेती को लेकर किसानों को जागरूक कर रहा है।
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उप निदेशक कृषि संतोष कुमार द्विवेदी कहते हैं कि देश में हरित क्रांति के बाद मोटे अनाज की खेती बंद हो गई थी,लेकिन अब सरकार इसके लिए अभियान चला रही है। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों द्वारा मोटे अनाज के फायदे बताए जा रहे हैं। उप निदेशक ने बताया कि मोटे अनाज की खेती में सिंचाई की समस्या कम रहती है। श्रम की खपत भी कम होती है। यानी कम लागत में अधिक उत्पादन होता है। यही विभाग के अभियान का मूल मंत्र है। इसके लिए जगह-जगह पर मोटे अनाजों से जन स्वास्थ्य के फायदे भी बताए जा रहे हैं।