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दिव्यलोक आश्रम में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन
लाडली श्री राधे सखी परिवार समिति मुरादाबाद के तत्वावधान में दिव्यलोक आश्रम में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन
आज लाडली श्री राधे सखी परिवार समिति मुरादाबाद के तत्वावधान में दिव्यलोक आश्रम आशियाना फेज 2 में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के षष्टम दिवस पर पूज्य कथा व्यास आचार्य दीपक कृष्ण उपाध्याय महाराज ने कथा सुनाते हुए बताया कि महारास की लीला काम लीला नहीं है यह कृष्ण लीला है, जिस लीला में भगवान शंकर पधारे हों। वह लीला काम लीला नहीं हो सकती,वह लीला योगेश्वर श्री कृष्ण की रसमय लीला है। इस प्रसंग को सुनाते हुए पूज्य महाराज ने बताया जो जीव महारास में प्रवेश पाना चाहते हैं तो सर्वप्रथम भगवान के प्रति नितांत प्रेम हृदय में होना चाहिए। गोपियों की तरह प्रेम करने पर ही महारास में प्रवेश मिलता है। महारास में प्रवेश उसी का होता है जिसका चीर हरण हुआ हो।
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आत्मा का वस्त्र शरीर है
चीर हरण लीला की कथा सुनाते हुए व्यास ने बताया जिस तरह शरीर के वस्त्र होते हैं। उसी प्रकार आत्मा का वस्त्र शरीर है। देहाभियान नष्ट होना ही चीर हरण लीला है। पूज्य महाराज ने सुंदर उद्धव गोपी प्रसंग की कथा सुनाते हुए पूज्य महाराज ने बताया गोपिया उदर से कहती हैं उद्धव मन ना भाये दस वीस एक हुतोसौं गयो श्याम संग इस प्रसंग को सुनाकर करुण भाव प्रकट हो गया जिसे सुनते ही भक्तों की आंखों में आंसू आने लगे। गोपियों की विरह की कथा सुनकर पंडाल में उपस्थित भक्तगण भाव विभोर हो गये। छठवें दिवस विशिष्ट उपस्थिति सतीश कुमार भंडूला,शशि भंडूला,विदुषी टंडन,प्रशांत अग्रवाल, रीमा अग्रवाल की रही और मुख्य रूप से मोहिनी रितु एलोरा कांता आदि मौजूद रहे।