मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।
उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण की 65 हजार इकाई स्थापित करके भले ही देश में पहले नंबर पर है। मगर जिले स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण की एक हजार इकाई लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इस आशय का पत्र उद्यान, रेशम एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग अपर मुख्य सचिव बीएल मीना की ओर से जिले मुख्य विकास अधिकारियों को भेजा गया है।
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जिसमे कहा गया है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 एवं पीएम एफएमई योजना के अन्तर्गत प्रत्येक जनपद से 1000 इकाईयां स्थापित कराने के प्रयास कराये जायें। जिला मुख्यालय, तहसील मुख्यालय, ब्लॉक मुख्यालय आदि पर विभिन्न स्तरों पर होने वाले जागरूकता कार्यक्रमों में सार्थक रूप से योजना का प्रचार-प्रसार कराते हुए महिला स्वयं सहायता समूहों, किसानों को आत्म निर्भर बनाया जाये, जो लोग अच्छा कार्य कर रहे हैं उन्हें सम्मानित किया जाये। एग्रो प्रोसेसिंग कलस्टर्स का चिन्हांकन करते हुए जनपदों में मूल्य संवर्द्धन एवं प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित करायी जायें। इन कार्यों से प्रदेश में अधिक से अधिक रोजगार सृजन होगें।
खाद्य प्रसंस्करण आधारित उद्योग निवेश पोर्टल पर हों दर्ज
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और अधिक से अधिक खाद्य प्रसंस्करण आधारित उद्योगों के प्रस्ताव निवेश पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होने मुख्य विकास अधिकारियों को भेजे गये पत्र में कहा है कि उ०प्र० खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 योजनान्तर्गत राज्य स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी द्वारा 227 परियोजना प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं।
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जनपदवार संलग्न सूची के अनुसार निरीक्षण हेतु शासन द्वारा जारी गाईड लाईन की प्रति एवं चयनित थर्ड पार्टी इन्सपेक्शन एजेन्सी की सूची एवं उनका सम्पर्क सूत्र मुख्य विकास अधिकारियों को प्रेषित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने जनपद से सम्बन्धित स्वीकृत प्रस्तावों के उद्यमियों से सम्पर्क करते हुए यथा-शीघ्र अनुदान हस्तान्तरण के लिए निरीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
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