मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।सुप्रीम कोर्ट का आदेश पर अब तलाकशुदा महिलाओं को उनके पतियों द्वारा 4 हजार रुपए दिए जाएंगे। कोर्ट ने एक तलाक के मामले पर काजी कोर्ट,शरिया कोर्ट और पंचायत के फैसलों को निराधार करार दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि पंचायतों में किए गए फैसलों का कोई कानूनी महत्व नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने तलाकशुदा महिलाओं को 4 हजार रुपये का गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है।
कोर्ट के इस आदेश पर समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ एसटी हसन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि देखिए ये पहले से ही मालूम है, इन फ़ैसलों का कोई महत्व नहीं होता है। लेकिन समाज में पंचायतें होती हैं बहुत से मसले यहीं पर तय होते हैं और लोग पंचायत की बात को मानते भी हैं। अगर हर मामले कोर्ट जाने लगे तो तीन गुना जज लाने पड़ेंगे।तलाक का कानून बन चुका है,और जो तलाक देगा वो गुजारा भत्ता भी देगा और ये कानून के मुताबिक भी है। लेकिन इस का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। बहुत बार हालात ऐसे हो जाते हैं कि मियां बीवी साथ नहीं रह सकते हैं। मिज़ाज मिले या नहीं, बीवी के अंदर कुछ ऐसी कमियाँ हो सकती हैं,जिन्हें इंसान पसंद नहीं करता है और न ही समाज पसंद करता है।तलाक किस कंडीशन में दी गया है तब कोर्ट को इस पर निर्णय लेना चाहिए था फिर भी उसे भत्ता देने का आदेश दिया जाना चाहिए था। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट को सोचना चाहिए।
वहीं जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर बोलते हुए एसटी हसन ने कहा कि आतंकियों द्वारा जिस तरह से बर्बरता की गई। उसके लिए शब्द ही नहीं हैं। पूरा देश आज आतंकवाद के खिलाफ है। हम मोदी जी के साथ हैं। वो आतंकवाद के खिलाफ जो भी निर्णय लेंगे हमें मंजूर होगा।
वहीं पाकिस्तान पर बोलते हुए एसटी हसन ने कहा कि पाकिस्तान के नेताओं को सोच समझकर बयानबाजी करनी चाहिए। पाकिस्तान की हालत खराब हो चुकी है। वहां के नेता बात कर रहे खून बहाने की। हम तो कहते हैं अपना खून बचाकर रखिए आने वाले समय में आपके लोगों को इसकी जरूरत पड़ने वाली है।
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