मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता। मुरादाबाद भ्रष्ट अधिकारियों से भरा पड़ा हुआ है। एक भ्रष्ट अफसर की जांच खत्म नहीं होती। उसके पहले दूसरे अधिकारी के भ्रष्टाचार का कारनामा उजागर हो जाता है। अब भ्रष्टाचार में प्रोबेशन महकमे के डिप्टी डायरेक्टर फंसे हैं। उनकी हिमाकत तो देखिये उन्होंने अपने अधीनस्थ संस्थाओं में भर्तियां तक कर डाली। यही नहीं, दो जगह का चार्ज होने पर गाड़ी का एक का इस्तेमाल किया और डीजल दो गाड़ियों का लिया। जब यह मंडल ईमानदार छवि मंडलायुक्त अंजनेय कुमार सिंह को पता चली तो उन्होंने जांच के आदेश दे दिये।
डिप्टी डायरेक्टर पर धांधली कर भुगतान लेने, महिला शरणालय, संप्रेक्षण गृह और बाल किशोर न्याय बोर्ड में बिना डीएम को जानकारी दिए सीधी भर्ती करने और एक ही समय में गाड़ियों का फर्जीवाड़ा दिखाकर डीजल का भुगतान लेने का आरोप है। जैसे ही ये बात मुरादाबाद मंडलायुक्त को पता लगी, तो उन्होंने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है। जोकि एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। इसके बाद डिप्टी डायरेक्टर पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
डिप्डी डायरेक्टर प्रोबेशन राजेश गुप्ता पर धांधली के कई आरोप हैं। उन पर डिप्टी डायरेक्टर पद पर रहते जिला संप्रेक्षण गृह में तीन, महिला शरणालय में तीन, किशोर न्याय बोर्ड में एक फर्जी तरीके से नियुक्ति करने का आरोप है। जिसमें जिला बाल संरक्षण इकाई चयन समिति में जिलाधिकारी समेत छह सदस्यीय कमेटी की द्वारा नियुक्त की प्रक्रिया का नियम है लेकिन डिप्टी डायरेक्टर ने बिना जिलाधिकारी के अनुमोदन और बिना किसी सदस्य को कमेटी में रखे सात लोगों की सीधी भर्ती कर ली। उनके पास डिप्टी डायरेक्टर के साथ ही जिला प्रोबेशन अधिकारी का भी अतिरिक्त चार्ज था।
डिप्टी डायरेक्टर और जिला प्रोबेशन अधिकारी की गाड़ी समेत दो गाड़ियों के सात महीने के डीजल का भुगतान भी ले लेने का आरोप है। मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह के संज्ञान में मामला आया तो उन्होंने डिप्टी डायरेक्टर के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। जिसमें अपर आयुक्त द्वितीय शशि भूषण, अपर नगर आयुक्त अजीत सिंह, मुख्य कोषाधिकारी रेनु बौद्ध को जांच में शामिल किया गया है। ये जांच कमेटी एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।