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Moradabad: पुराने शिक्षकों के लिए TET पास करना हुआ जरूरी, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से शिक्षक दबाव में

Moradabad: शिक्षक वर्षों तक देश की शिक्षा में योगदान देते रहे हैं। अब इस फैसले के बाद 30-35 साल पहले नियुक्त शिक्षकों को भी TET पास करना होगा

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Narendra Singh
वाईबीएन

बीएस ऑफिस के बाहर प्रोटेस्ट करतीं महिला शिक्षक Photograph: (moradabad)

मुरादाबाद वाईबीएन संवाददाता  उच्चतम न्यायालय ने 01 सितंबर 2025 को एक अहम फैसला सुनाया है। इसके अनुसार 27 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त सभी शिक्षकों को टीईटी (TET) परीक्षा पास करना जरूरी है। अदालत ने यह आदेश अनुच्छेद 142 के तहत भूतलक्षी प्रभाव (Retrospective Effect) के साथ दिया है।

इस फैसले के बाद 30-35 साल पहले नियुक्त शिक्षकों को भी TET पास करना होगा

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बीएस ऑफिस के बाहर प्रोटेस्ट करतीं महिला शिक्षक Photograph: (moradabad)

शिक्षक वर्ग इस फैसले से चिंतित है। उनका कहना है कि स्वतंत्र भारत के शिक्षक वर्षों तक देश की शिक्षा में योगदान देते रहे हैं। अब इस फैसले के बाद 30-35 साल पहले नियुक्त शिक्षकों को भी TET पास करना होगा, जिससे उनके लिए मानसिक दबाव बढ़ गया है।

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शिक्षक प्रतिनिधियों ने डीएम और जिला बीएसए को ज्ञापन सौंपकर प्रधानमंत्री से लगाई गुहार 

शिक्षक प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री और केंद्रीय विधि मंत्री से अनुरोध किया है कि सुप्रीम कोर्ट के इस भूतलक्षी आदेश को संसद की सहमति से संशोधित किया जाए। उनका कहना है कि इससे शिक्षक भय और भ्रम से मुक्त होकर पढ़ाई में ध्यान दे सकेंगे और देश के निर्माण में योगदान दे सकेंगे।

विशेषज्ञों का कहना है कि कानून या फैसले का भूतकाल से लागू होना सामान्य प्रक्रिया नहीं है। ऐसे आदेश से पुराने शिक्षकों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।

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