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Moradabad: निजी स्कूलों की मनमानी जारी, नए सत्र में 10 प्रतिशत फीस में हुई वृद्धि

नया सत्र शुरू होने जा रहा है। ऐसे में स्कूल संचालकों ने अपनी मनमानी करनी शुरू कर दी है। हर साल की अपेक्षा इस वर्ष भी निजी स्कूलों ने दस प्रतिशत फीस में वृद्धि की है,जिसका असर अभिभावकों की जेब पर पड़ेगा।

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Avik Kumar
स्कूलोंं की मनमानी

डीआईओएस कार्यालय

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मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

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नया सत्र शुरू होने जा रहा है। ऐसे में स्कूल संचालकों ने अपनी मनमानी करनी शुरू कर दी है। हर साल की अपेक्षा इस वर्ष भी निजी स्कूलों ने दस प्रतिशत फीस में वृद्धि की है,जिसका असर अभिभावकों की जेब पर पड़ेगा। 

स्कूल संचालक कर रहे मनमानी 

वार्षिक परीक्षा खत्म होने के बाद निजी स्कूलों में नया सत्र शुरू होने की तैयारी पूरी कर ली गई है। ऐसे में निजी स्कूल संचालकों ने फीस का शुल्क बढ़ाकर अभिभावकों के हाथ में थमा दिया है। फीस शुल्क विवरण में साफ तौर पर 10 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है, जिसका असर अभिभावकों को झेलना पड़ेगा। हालांकि जिस स्कूल की फीस पिछले साल 24 हजार थी। उसको बढ़ाकर 26 हजार कर दिया है। हर साल निजी स्कूल संचालक अपनी मनमानी पर उतारू हैं। यह लोग फीस बढ़ाने के नाम पर अभिभावकों की जेब काटने का काम कर रहे हैं। उसके बाद भी विभागीय अधिकारियों द्वारा फीस वृद्धि पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है। जिस वजह से धांधली का खेल पनप रहा है। 

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क्या बोले अभिभावक

मुरादाबाद पेरेंट्स का ऑल स्कूल के अध्यक्ष अनुज गुप्ता का कहना है कि हम लोग पिछले कई सालों से अधिकारियों के माध्यम से सरकार से मांग करते आ रहे हैं कि फीस वृद्धि पर अंकुश लगना चाहिए। इतना ही नहीं कानून में भी संशोधन किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि नया सत्र शुरू होने जा रहा है। ऐसे में निजी स्कूल संचालकों ने हर साल की तरह इस बार भी 10 प्रतिशत तक फीस में बढ़ोतरी की है, जिसका असर अभिभावकों की जब पर देखने को मिलेगा। पिछले साल जिस स्कूल में फीस 24 हजार थी। उस स्कूल ने फीस बढ़ाकर 26 हजार कर दी है। फिलहाल इस फीस वृद्धि पर रोक लगनी चाहिए।  

अभिभावक अंकित अग्रवाल का कहना है कि नया सत्र शुरू होने जा रहा है। स्कूल में फीस शुल्क बढ़ा दिया गया है। पिछले साल की अपेक्षा इस बार फीस में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। यह स्कूल संचालक अपनी मनमानी करते हैं और हर साल फीस में वृद्धि करते हैं। इस पर सरकार द्वारा अंकुश लगना चाहिए।

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