महिलाओं की सुरक्षा पर सीएम गंभीर, मुरादाबाद पुलिस नहीं, पिकं बूथों पर लगा ताला
सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट पिंक बूथ की शुरूआत राजधानी लखनऊ से लेकर पूरे प्रदेश में की गई है। मगर मुरादाबाद में आए दिन महिलाओं के साथ हादसे होते रहते हैं। बावजूद इसके मुरादाबाद जिले के अधिकतर पिंक बूथों पर ताला लगा रहता है।
यह देखिये एक लखनऊ में बना खूबसूरत पिंक बूथ और एक मुरादाबाद के पॉस इलाके सिविल लाइंस में बना पिंक बूथ जिसको टीन की चद्दरों से बना दिया गया है। इसमें बैठने पर इस गर्मी में इंसान ऊबल जाएगा। मगर दुर्भाग्य यहां पर भी हमेशा ताला लटकता रहता है, जो एसएसपी दफ्तर से चंद कदम की दूरी पर है।
राह चलते महिलाओं के साथ कोई हादसा ना हो। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट पिंक बूथ की शुरूआत राजधानी लखनऊ से लेकर पूरे प्रदेश में की गई है। मगर मुरादाबाद में आए दिन महिलाओं के साथ हादसे होते रहते हैं और यहां के चौराहों पर स्थापित महिला पिकं बूथों पर ना तो पुलिस रहती है और ना ही पिंक बूथ खुले रहते है, जिससे महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर सके हैं, जबकि बीते एक महीने के भीतर कई महिलाओं से चैन स्नैचिंग से लेकर कान के कुंडल तक खीचें गए हैं। इस बारे में पुलिस वालों का बयान भी लापरवाही भरा है। जब उनसे पूछा गया कि पिंक बूथों पर ताला क्यों लगा रहता है तो वह निरूत्तर नजर आये।
मुरादाबाद जिले में बने हैं 55 पिंक बूथ
स्मार्ट सिटी कहे जाने वाला शहर मुरादाबाद में आये दिन महिलाओं के साथ छेड़-छाड़ चैन स्नैचिन, सामान चोरी की घटनाएं आम बात हो गई हैं। महिलाओं की सुरक्षा और समस्या का निस्तारण के लिए जनपद में 55 पिंक बूथ बनाये गये है। मुरादाबाद शहर में ही करीब दो दर्जन से अधिक पिंक बूथ बनाये गए हैं।
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यह देखिये सिविल लाइंस पिंक बूथ पर लगा ताला।
पिंक बूथों पर लगा रहता है ताला
महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चत करने के लिए प्रमुख चौराहों और स्कूल, कॉलेज के पास पिंक बूथों का निर्माण तो कराया गया है। कागजों में यहां महिला पुलिस कर्मियों तैनाती भी की जाती है। मगर इन पिंक बूथों पर जिसकी ड्यूटी लगाई जाती है, कोई बैठता नहीं है। ज्यादातर पिंक बूथों पर ताला लगा रहता है। ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा भगवान भरोसे रहती है।
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पुलिस चौकी पर लिख दिया पिंक बूथ लावारिस हालत में।
टीन शेड वाले पिंक बूथ में उबल जाए इंसान
मुरादाबाद में पिंक बूथों के बनाए जाने में इतनी अधिक लापरवाही बरती गई है। पूरे पिंक बूथ को चारों ओर से लोहे के टीनशेड से घेर दिया गया है। गर्मी के इस मौसम अगर कोई इन पिंक बूथों में बैठे तो ना बेहोश होना तो भी वह बेहोश जाएगा, क्योंकि टीन शेड बहुत छोटा बना गया है। ऐसा लगता है कि केवल सरकार को फोटो भेजने के लिए बनाया गया है।
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सोहदों को पकड़ने के लिए मिली पिंक स्कूटी का अता-पता नहीं
भीड़ भाड़ और स्कूल कॉलेज के आस-पास बनाए गए पिंक बूथों पर तैनात होने वाली महिला कांस्टेबल के लिए पिंक स्कूटी भी दी गई है। मगर चोर उचक्के और शोहदे घटना को अंजाम देकर निकल जाते हैं। बावजूद इसके पिंक बूथों पर तैनात महिला कांस्टेबल का कहीं अता-पता नहीं रहता है।
त्योहारी सीजन में पिंक बूथों को है एक्टिव करने की जरूरत
इस समय नवरात्र का सीजन चल रहा है। बाजार में चहल पहल है। देर रात महिलाओं का मंदिरों में आना जाना है। ऐसे में पिंक बूथों पर ताला लगा रहना दुर्भाग्य पूर्ण है। पिंक बूथ योजना के अनुसार शहर में राह चलती महिलाओं की सुरक्षा के लिए चौराहे पर एक पिंक बूथ पर दो महिला कांस्टेबल एक पिंक स्कूटी दी गई। शहर में त्योहार का माहौल है। ईद व नवरात्रि चल रहे है ऐसे में महिला और पुरुष सभी बाजार घूमने, मंदिर जा रहे है, ऐसे में सुरक्षा की व्यवस्था तेज होनी चाहिए। मगर हमारे यहाँ सुरक्षा के नाम पर पिंक बूथों पर ताला लगा हुआ है।
मकसद महिलाओं को ना लगाना पड़े थाने तक की दौड़
मुरादाबाद में पिंक पुलिस बूथ के माध्यम से महिलाओं की समस्याओं का निस्तारण किया जाना चाहिये। महिलाओं को थाने तक दौड़ न लगाने पड़े। इसके लिए पिंक बूथों की व्यवस्था बनाई गई। पिंक बूथ में मौजूद महिला पुलिस कर्मी शिकायतों को सुनने के साथ ही उनके निस्तारण का भी प्रावधान है। मगर जब कोई महिला कांस्टेबल इन पिंक बूथों में बैठगी तब समस्या का समाधान होगा।
चरजीत सिंह सिविल लाइंस थाना।
सिविल लाइंस थाना निवासी चरनजीत सिंह ने बताया कि शिकायत होती है तो दो-चार दिन पिंक बूथ खुल जाता है, उसके बाद फिर बंद हो जाता है। कई बार यहां पर राह चलती महिलाओं के साथ छेड़खानी हो चुकी है।
मझोला निवासी विनोद कुमार।
मझोला निवासी विनोद कुमार ने बताया कि साहब, पिंक बूथ कभी खुलता ही नहीं है। जिस तरह से यह पिंक बूथ बना हुआ है। इसमे कौन बैठ पायेगा। यहां कभी कोई आता नहीं है।
हम जानकारी करते हैं : एसएसपी अंतिल
जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल से पिंक बूथों की स्थिति के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि हम अपने थानाध्यक्षों से पता करते हैं। पिंक बूथों में ताला क्याें लगा है? अगर ऐसा है तो बंद पड़े सभी पिंक बूथों का संचालन शुरू कराते हैं।