/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/17/f7WRFMpx5rqVBC2bb1Kc.jpg)
प्राचार्या प्रोफेसर चारू मेहरोत्रा moradabad Photograph: (MORADABAD )
मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता। गोकुलदास हिंदू गर्ल्स कॉलेज, मुरादाबाद की प्राचार्या प्रोफेसर चारू मेहरोत्रा को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। वह वर्ल्ड आयुष फाउंडेशन द्वारा वियतनाम में 20 से 26 अप्रैल 2025 के बीच आयोजित की जा रही 8वीं अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में चेयरपर्सन के रूप में प्रतिभाग करेंगी।
शोध विषय की व्याख्या करते हुए बताया
प्रो. मेहरोत्रा ने अपने शोध विषय की व्याख्या करते हुए बताया कि इकोफेमिनिज्म (पारिस्थितिकी-नारीवाद) यह दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है कि स्त्रियां प्रकृति से एक सहानुभूतिपूर्ण और संवेदनशील संबंध रखती हैं, जबकि पुरुष अक्सर प्रकृति को उपभोग की वस्तु के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण और उपभोक्तावाद ने प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन को बढ़ावा दिया है, जिससे जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय संकट उत्पन्न हो रहे हैं।
महिलाएं प्रकृति के साथ भावनात्मक जुड़ाव रखती हैं
उनके अनुसार, उपन्यास Nectar in a Sieve में लेखिका कमला मार्कंडेय ने यह दिखाया है कि कैसे महिलाएं प्रकृति के साथ एक भावनात्मक जुड़ाव रखती हैं, जबकि पितृसत्तात्मक सोच प्रकृति के दोहन को बढ़ावा देती है। उपन्यास का पात्र ‘हनी’ इस सोच की आलोचना करता है और पारिस्थितिकी-नारीवाद का सशक्त प्रतिनिधित्व करता है।
ग्लोबल स्टेज पर मुरादाबाद
प्रो. मेहरोत्रा की इस उपलब्धि से कॉलेज और शहर में खुशी की लहर है। स्टूडेंट्स और फैकल्टी ने उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं दी हैं। यह मुरादाबाद के लिए गर्व का क्षण है कि उसकी एक शिक्षाविद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय विचारों और साहित्य को प्रस्तुत करने जा रही हैं।
कॉलेज प्रशासन, शिक्षकों और छात्राओं ने इस उपलब्धि पर प्राचार्या जी को बधाई देते हुए कहा कि यह पूरे मुरादाबाद और शिक्षा जगत के लिए गर्व की बात है।
यह भी पढ़ें:NHI, PD की सुस्ती भारी पड़ रही रिंग रोड के निर्माण में
यह भी पढ़ें: सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में बेलगाम हुए चोर-उचक्के व ठग, अब सवा लाख की ठगी