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जिले के गेहूं क्रय केंद्रों पर बिना भूमि सत्यापन के किसान 100 क्विंटल तक गेहूं बेच सकेंगे। इसके अलावा बटाईदार भी किसान से लिए गए सहमति पत्र के आधार पर अपने द्वारा उत्पादित गेहूं को सीधे क्रय केंद्रों पर बेच सकेगा।
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जिले में गेहूं खरीद नीति लागू कर दी गई है। जिला एवं विपणन अधिकारी विनीता मिश्रा ने बतायाकिसानों का गेहूं खरीदे जाने के लिए जिले में 73 क्रय केंद्रों की स्थापना की गई है। 15 जून तक इन केंद्रों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किया जाएगा।
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रविवार और छुट्टी की दिनों में भी खुले रहेंगे क्रय केंद्र
सभी केंद्र रविवार व छुट्टियों में भी प्रतिदिन सुबह आठ बजे से सायं आठ बजे तक खुले रहेंगे। उन्होंने बताया कि 100 क्विंटल तक गेहूं बिक्री करने पहुंचे किसान को पंजीकरण और भूमि सत्यापन से छूट रहेगी। किसानों को fes-up-gov-in पोर्टल या UP Kisan Mitr एप से पंजीकरण, नवीनीकरण कराना अनिवार्य होगा। बटाईदार किसान अथवा लीज पर खेती करने वाले किसान भी सहमति पत्र व भूलेख के आधार पर पंजीकरण कर गेहूं बेच सकते हैं।
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सीधा किसानों के खाते में पहुंचेगा पैसा
किसानों को गेहूं बेचने पर भुगतान सीधा उनके बैंक खाते में पीएफएमएस के माध्यम से किया जाएगा। बटाईदार से क्रय गेहूं का भुगतान भी सीधे उनके खाते में पीएफएमएस से किया जाएगा। छोटे व सीमांत किसानों, महिलाओं, वृद्ध एवं दिव्यांग किसानों को खरीद में प्राथमिकता दी जाएगी। पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर टोकन सिस्टम लागू रहेगा। भीड़ अधिक होने पर ऑफलाइन टोकन वितरित किए जाएंगे। गेहूं की नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मंडी में दोपहर में दो बार खुली बोलियों की भी व्यवस्था रहेगी। केंद्रों और मोबाइल क्रय केंद्रों से गेहूं का परिवहन जीपीएस युक्त वाहनों से किया जाएगा।