Moradabad: स्कूल का टीचर निकला 'फर्जी स्टेनो', 15 साल तक लेता रहा तनख्वाह
Moradabad: मुरादाबाद में बेसिक शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही और फर्जीवाड़े का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। एक प्राइमरी स्कूल का शिक्षक बीते 15 वर्षों से खुद को जिलाधिकारी का स्टेनो बताकर पब्लिक और अधिकारियों पर रौब जमता रहा
मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।मुरादाबाद में बेसिक शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही और फर्जीवाड़े का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। एक प्राइमरी स्कूल का शिक्षक बीते 15 वर्षों से खुद को जिलाधिकारी (डीएम) का स्टेनो बताकर पब्लिक और अधिकारियों पर रौब जमता रहा, लेकिन हकीकत में न तो वह डीएम कार्यालय का कर्मचारी है और न ही कभी स्कूल गया। बावजूद इसके उसकी हर महीने की सैलरी बराबर निकलती रही।
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तनवीर हसन जैदी का भंडाफोड़
यह मामला उस समय सामने आया जब चंदौसी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता अभिषेक गौड़ ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जानकारी मांगी। जवाब में खुलासा हुआ कि तनवीर हसन जैदी असल में मुरादाबाद ग्रामीण के प्राथमिक विद्यालय ठीकरी में सहायक अध्यापक के पद पर वर्ष 2005 में मृतक आश्रित कोटे से नियुक्त हुआ था। वर्ष 2010 में तत्कालीन जिलाधिकारी सुभाष चंद्र शर्मा के आदेश पर कुछ समय के लिए डीएम कैंप कार्यालय से अटैच किया गया था। लेकिन इसके बाद वह कभी स्कूल नहीं लौटा।
फर्जीवाड़ा और विभागीय मिलीभगत
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Photograph: (MORADABAD )
आरटीआई से पता चला कि इन 15 सालों में तनवीर ने एक भी दिन स्कूल में हाजिरी नहीं दी, फिर भी उसका वेतन हर महीने खंड शिक्षा अधिकारी, मुरादाबाद ग्रामीण के कार्यालय से निर्बाध रूप से जारी होता रहा। हैरानी की बात यह है कि स्कूल की हेडमिस्ट्रेस हर महीने यह लिखकर उसकी शत-प्रतिशत हाजिरी लॉक करती रही कि वह नियमित रूप से स्कूल आ रहा है और बच्चों को पढ़ा रहा है।
अब गया मेडिकल लीव पर
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मामला सामने आने के बाद तनवीर हसन जैदी ने खुद को बचाने के लिए मेडिकल अवकाश ले लिया है। विभाग के पास न तो उसके अवकाश का कोई रिकॉर्ड है, न ही उसके कार्यों का कोई ब्यौरा। शिक्षा विभाग की चुप्पी और अधिकारियों की भूमिका पर अब सवाल उठने लगे हैं।
जांच और कार्रवाई की मांग
इस खुलासे के बाद शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन पर सवाल खड़े हो गए हैं। आरटीआई कार्यकर्ता और स्थानीय लोग अब इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।