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डॉ. एसटी हसन Photograph: (moradabad)
मुरादाबाद वाईवीएन संवाददाता।अंतरराष्ट्रीय योग दिवस नजदीक आते ही एक बार फिर योग और सरकारी व्यवस्था को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व मुरादाबाद से पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने सरकारी दफ्तरों में योग सत्रों के लिए कर्मचारियों को दिए जाने वाले विशेष ब्रेक पर आपत्ति जताई है।
योग के लिए कार्य समय में ब्रेक देने औचित्य नहीं
डॉ. हसन ने कहा, “हम योग के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन किसी एक धर्म या विचारधारा के हिसाब से सरकारी व्यवस्था नहीं चलनी चाहिए। जब मुस्लिम कर्मचारियों को नमाज के लिए कोई विशेष ब्रेक नहीं दिया जाता, तो फिर योग के लिए यह सुविधा क्यों?” उन्होंने यह भी जोड़ा कि योगाभ्यास दफ्तर शुरू होने से पहले भी किया जा सकता है, ऐसे में कार्य समय में ब्रेक देने का औचित्य नहीं बनता। उन्होंने कहा की इस फैसले को दोहरे मापदंड वाला करार देते हुए सरकार से सवाल किया कि क्या यह धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार कर्मचारियों के स्वास्थ्य की ही बात कर रही है, तो फिर उन्हें अन्य धार्मिक जरूरतों के लिए भी समान अधिकार देने चाहिए।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने योग दिवस के मौके पर एक नई पहल के तहत सभी सरकारी कार्यालयों में 'वाई-ब्रेक योगा' सत्र शुरू करने की घोषणा की है। यह योजना केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा तैयार की गई है, जिसमें पांच से दस मिनट के छोटे-छोटे योगाभ्यास कराए जाएंगे। इसका उद्देश्य कर्मचारियों की कार्य क्षमता बढ़ाना और तनाव को कम करना है।
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