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राज्य अध्यापक पुरस्कार से शिक्षकों ने बनाई दूरी तो परेशान हुए उप शिक्षा निदेशक

राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए परिषदीय स्कूलों के शिक्षक रुचि ही नहीं दिखा रहे हैं। इस कारण आवेदन की तिथि दूसरी बार बढ़ाई गई है। हालांकि शिक्षकों के रुचि न लेने पर उप शिक्षा निदेशक (प्राइमरी) ने नाराजगी भी जताई है।

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Anupam Singh
किही
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मुरादाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

लगता है मुरादाबाद मंडल के शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार की जरूरत नहीं है। दो-दो बार आवेदनन की तारीख बढ़ाने के बावजूद शिक्षकों को इस पुरस्कार में किसी तरह की रूचि रहीं है। इधर आवेदन नहीं आने उप शिक्षा निदेशक (प्राइमरी) परेशान हैं। वह नाराजगी भी दिखा रहे हैं। मगर शिक्षक उनका माखौल उड़ा रहे हैं।

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यहां बता दें कि राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए परिषदीय स्कूलों के शिक्षक रुचि ही नहीं दिखा रहे हैं। इस कारण आवेदन की तिथि दूसरी बार बढ़ाई गई है। हालांकि शिक्षकों के रुचि न लेने पर उप शिक्षा निदेशक (प्राइमरी) ने नाराजगी भी जताई है। राज्य अध्यापक पुरस्कार को लेकर शिक्षकों से आवेदन मांगे गए थे। 15 फरवरी तक शिक्षकों को आवेदन करने थे, लेकिन शिक्षकों ने रुचि नहीं दिखाई। इस पर आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाकर फरवरी के अंत तक कर दी गई।

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 अभी भी कई जिलों के शिक्षकों ने रुचि नहीं दिखाई तो इसकी तिथि दोबारा बढ़ा दी गई है। मुरादाबाद सहित 11 जिलों से तीन-तीन आवेदन हुए हैं। इसी तरह दस जिलों से दो-दो आवेदन किए गए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के उप शिक्षा निदेशक संजय कुमार उपाध्याय ने सभी बीएसए को पत्र भेजकर कहा है कि यह स्थिति काफी खेदजनक हैं। बताया कि आवेदन की अंतिम तिथि तीन मार्च तक बढ़ा दी गई है। ऐसे में अपने-अपने जिलों से योग्य व पात्रता पूरी करने वाले शिक्षकों के अधिक से अधिक आवेदन कराएं।

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